भाई-बहन का रिश्ता दोस्ताना और सुरक्षा का है, जब माता-पिता का डांट से बचा जाना है तो भाई या बहन ही हमें इस मुसीबत से बचा रहे हैं। इस रिश्ते को सेलिब्रेट करने की मौका रक्षकों का शुभ पर्व भी आ रहा है। इस मौके पर बहन अपने भाई को रक्की बाँट करते हैं और भाई उन्हें तहफा देते हैं, साथ ही साथ वे पूरी अवधि में सुरक्षा की वादा करते हैं। 7 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व के लिए बाजार में रकी दुकानों में सज गया है।
इस शुभ पर्व पर महिलाएं और युवतियों के भाइयों के लिए अमेरिकी डायमंड, रजवाड़ी डोरी और स्टोन वाली राखियों की खरीददारी की जा रही है, साथ ही बच्चा में डोरेमोन, लाइट, म्यूजिक की रखीओं की मांग है। उज्जैन शहर में आगररोड पर सामाजिक न्याय केंद्र, गोपाल मंदिर पर पुराने नगर निगम भवन पर कई दुकानें सुरक्षित रखती हैं। यहां आने वाली महिलाएं और युवतियां जरी, फोम, सितारे वाले पारंपरिक रकी खरीदने के साथ-साथ नई विविधता की रक्की भी अमेरिकन डायमंड, रजवाड़ी डोरी, भाई-बबड़ी की जोड़ी और चूड़ा रकी भी खरीदी जा रही है।
जीएसटी लागू होने के बाद रकी का त्यौहार पहली बार आया है। जब इस बारे में व्यापारियों ने पूछा तो जवाब मिलते हैं कि नियम के अनुसार 12 प्रतिशत जीएसटी की तलाश है, लेकिन रकी की तैयारी पहले ही हो गई है, ज्यादातर माल पहले से ही खरीदा गया था, इसलिए जीएसटी का असर नाममात्र रहेंगे। फ़िलहाल बाज़ार में स्टोन वाले राखियां 5 से 500 रुपए नग, हालांकि 2 से 15 रुपए नग में रकी उपलब्ध है।