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‘बढ़ो बहू’ में भाभी के किरदार से खूब लुभा रही हैं रुपाली

रुपाली को एक्टिंग का जुनून तो बचपन से ही था बस अपनी कला से यह अंदाजा नहीं लगा पाई थीं कि वे औरअइ थियेटर एक दूसरे के लिए ही बने हैं। स्कूल के दिनों में छह साल की उम्र में रुपाली को ‘अली बाबा’ कहानी पर आधारित प्ले में अभिनय का मौका मिला। इसमें थियेटर से जुड़ी ओडिशी नृत्यांगना नीलिमा बनर्जी ने रुपाली को लकड़हारे की भूमिका के लिए चुना तो उन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों को गदगद कर दिया।

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लोगों ने कहा कि वे थियेटर के लिए ही बनी हैं लेकिन रुपाली व उनके माता-पिता ने उस समय इस बात को गंभीरता से नहीं लिया।उसके बाद रुपाली जब कॉलेज में पहुंची तो वहां नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के लोग थियेटर वर्कशॉप के लिए आए। यहां भी रुपाली की अभिनय क्षमता को देखते हुए नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा ने उन्हें अपने साथ जोड़ लिया और यहीं से उनके अभिनय का सिलसिला शुरू हो गया। उनके हर शो में लोग उनकी अदाकारी के कायल हो गए और सभी ने उन्हें इसी क्षेत्र में करियर बनाने की सलाह दी। बाद में रुपाली को एनएसडी के कई प्ले में लीड रोल मिलने लगे। यहीं से उन्हें बालाजी टेली फिल्म्स के जरिए एक लघु फिल्म करने का मौका मिला और उसी फिल्म के छोटे से रोल में जबरदस्त अभिनय से उन्हें पहचान मिली। और प्रोड्यूसर दीप्ती कलवानी ने उन्हें ‘बढ़ो बहू’ में भाभी का रोल दिया। रुपाली अच्छी नृत्यांगना भी हैं। बचपन से ही ओडिशी डांस सीख रही हैं। उनकी वर्तमान गुरु गीतांजलि आचार्य ओडिशी नृत्य में पारंगत कर रही हैं। रुपाली की मां अर्चना शिक्षिका और पिता आशीष रंजन गांगुली चार्टर्ड एकांउटेंट हैं। इन्हें लगता था कि मध्यमवर्गीय परिवार के लिए फिल्मों व टीवी का सफर नहीं होता ऐसे में बेटी को कभी इस ओर कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित ही नहीं किया। लेकिन फिर भी उन्होंने रुपाली के अभिनय को कभी दबने नहीं दिया। बेटी का उत्साहवर्धन किया और आगे बढ़ाया। अब बेटी की सफलता से माता पिता बेहद खुश हैं।

 

हिंदी फिल्में हैं लक्ष्य

रुपाली के लिए भले ही लोग उनकी एक्टिंग देखकर उन्हें टीवी इंडस्ट्री में लंबी रेस का घोड़ा कह रहे हों लेकिन वे इसे अपने करियर का टर्निंग प्वाइंट नहीं मानती। उनके सपने बड़े हैं। वे मेनस्ट्रीम हिंदी सिनेमा में हाथ आजमाना चाहती हैं। फिलहाल खुद को इसके लिए तैयार कर रही हैं। रुपाली का मानना है कि उन्होंने इस क्षेत्र में जाने के बारे में निर्णय देरी से लिया। आजकल बहुत कम उम्र में लड़कियां सीरियल व फिल्मों में डेब्यू कर रही हैं लेकिन अब फिर से ट्रेंड बदल रहा है। विद्या बालन जैसी अभिनेत्रियां सफलता के नए आयाम रच रही हैं। विद्या बालन व तब्बू उनकी पसंदीदा अभिनेत्रियों में से हैं। रुपाली की ख्वाहिश है कि ‘परिणीता’ जैसी फिल्म उन्हें भी मिले।

कैंसर पीडि़त बच्चों से लगाव

रुपाली को बच्चे बहुत पसंद है। वे उनके लिए कुछ करना चाहती हैं। इसके लिए 12 स्कूलों में बच्चों को थियेटर सिखा चुकी हैं। और कैंसर पीडि़तों के लिए संस्था ‘कैन सपोर्ट’ के साथ मिलकर इस बीमारी से पीडि़त बच्चों के लिए भी वर्कशॉप करती हैं।

 

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