कैशलेस इकॉनमी बनाने की राह में केंद्र सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने सभी सरकारी विभागों को नकद में लेनदेन बंद करने का आदेश दिया है । सरकार ने कहा कि सरकारी विभाग नकद में भुगतान ना करें। सरकारी विभागों को ऑनलाइन पेमेंट करने का आदेश दिया गया है। ये आदेश सभी सरआर्थिक मामलों के सचिव शशिकांत दास ने कहा कि अब सभी सरकारी भुगतान डिजिटल होंगे। कैश की कोई जरूरत नहीं है। दास ने कहा कि सरकार ने ई वॉलेट से चार्ज हटा लिया है। यही नहीं अब डेबिट कार्ड से शॉपिंग पर भी कोई चार्ज नहीं लगेगा।
दास ने कहा कि सहकारी बैंकों को सरकार कैश देगी। सहकारी बैंकों को 2 हजार करोड़ दिया जाएगा। साथ ही मोबाइल से बैंकिंग पर कोई चार्ज नहीं लगेगा। सरकार ने इसी के साथ ही ई वॉलेट की लिमिट बढ़ाकर 20000 कर दी है। 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद होने से आम आदमी को खासी परेशान हो रही है। हालांकि बैन के फैसले से उन लोगों को भी खासी परेशानी हुई, जिनके पास बहुत कम संख्या में 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट थे। एक्सपर्ट्स के मुताबिक सरकार के नोट बंदी के फैसले से देश की इकोनॉमी पर छोटी अवधि में निगेटिव असर होगा। लेकिन, इससे लॉन्ग टर्म में अच्छा फायदा मिलने की उम्मीद है।
8 नवंबर के बाद से दुनिया-भर के बाजारों के मुकाबले घरेलू बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। पिछले छह कारोबारी सत्र में सेंसेक्स और निफ्टी 5 फीसदी से ज्यादा लुढ़क गए हैं। इस दौरान निवेशकों के करीब 9 लाख करोड़ रुपए डूबे हैं। अगर आपने शेयर बाजार में निवेश किया है, तो संभव है आपको भी खासा नुकसान हुआ होगा। रियल एस्टेट, ऑटो, एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल जैसे सेक्टर की ग्रोथ काफी हद तक कैश पर निर्भर है। इस प्रकार इन सेक्टर्स की कंपनियों को डिमॉनेटाइजेशन का तगड़ा झटका सहना पड़ेगा। इसी आशंका में स्टॉक मार्केट में अधिकांश सेक्टर्स की कंपनियों के स्टॉक्स में गिरावट देखने को मिल रही है।
नोटबंदी के बैंकों के पास बड़ी रकम इकट्ठा होने के चलते कई बैंकों ने FD पर इंटरेस्ट रेट्स को घटा दिया है। अब आपको अपने फिक्स्ड डिपॉजिट पर निश्चित तौर पर रिटर्न कम मिलेगा। एसबीआई ने अपने एक साल से 455 दिनों तक डिपॉजिट्स पर इंटरेस्ट रेट्स घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है। इसके अलावा कई बैंक एफडी पर इंटरेस्ट रेट्स घटाने की तैयारी कर रहे हैं। नोटबंदी से 10 साल के सरकारी बॉन्डों पर यील्ड में 0.38 फीसदी की कमी आ गई है, जो 16 नवंबर को 6.40 फीसदी के आसपास आ गई थी। हालांकि इसके उलट डेट म्युचुअल फंड पर अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद लगाई जा रही है, क्योंकि बॉन्ड यील्ड्स और बॉन्ड प्राइसेज में तेजी देखने को मिली है। बॉन्ड प्राइसेज में तेजी का मतलब है कि इनमें फ्यूचर में अच्छा रिटर्न देखने को मिलेगा।
सरकार के इस फैसले से आपकी छोटी बचत भी अछूती नहीं रहेंगी। बैंकों और पोस्ट ऑफिसों के पास कैश बढ़ता जा रहा है। ऐसे में आपकी स्मॉल सेविंग्स पर इंटरेस्ट रेट में जल्द कटौती देखने को मिल सकती है। 8 नवंबर को 500-1000 रुपए के नोट बैन के फैसले के बाद आपके मकान की कीमत में कमी आ गई है। रियल एस्टेट को जानकार कहते हैं कि आगे प्रॉपर्टी की कीमतों में और गिरावट आने की उम्मीद है।
प्रॉपर्टी रिसर्च फर्म जेएलएल इंडिया पहले ही कह चुकी है कि बड़े शहरों पर इसका सीमित प्रभाव दिखाई देगा, क्योंकि यहां पर कैश ट्रांजैक्शंस कम होते हैं। उसकी रिपोर्ट में कहा गया, ‘सेकंडरी या रीसेल मार्केट पर इसका खासा असर दिखाई देगा, क्योंकि इन डील्स में कैश का हिस्सा काफी ज्यादा होता है।’ इसका सबसे ज्यादा असर लग्जरी प्रॉपर्टीज पर दिखेगा, जहां कीमतें 25-30 फीसदी तक गिर सकती हैं।