अब तक दूल्हे बरात लेकर जाते थे। अब दुल्हनों ने भी बरात लेकर जाना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को एक वकील युवती खुद ही बग्घी में बैठ कर बरात के साथ विवाह स्थल पर पहुंची। विवाह स्थल पर दूल्हा पक्ष के लाेगों ने दुल्हन और बरात का शानदार स्वागत किया।
गौर करने वाली बात यह भी रही कि शादी तो दहेज रहित थी ही, सप्तपदी के फेरे भी नहीं हुए। केवल जयमाल डालकर दुल्हन-दूल्हे ने औपचारिकता पूरी की। इस विवाह की क्षेत्र में खूब चर्चा हो रही है और इसे बेटियों के सम्मान और महत्व को दर्शाने वाला बताया जा रहा है। दोनों विवाह को बाद में कोर्ट में पंजीकृत कराएंगे।
बरात लघुसचिवालय से शुरू हुई। यहां बग्घी सजी धजी खड़ी थी। बैंड तैयार था और कन्या पक्ष के बराती भी। दुल्हन बनीं एडवोकेट कीर्ति गिल्होत्रा कार से वहां पहुंची। कीर्ति पहले बैंड की धुन पर परिवार के साथ नाचीं और फिर बग्घी में बैठकर विवाहस्थल के लिए बरात के साथ निकलीं।
रास्ते में दूल्हा अमन वधवा इंतजार कर रहे थे। वह भी बग्घी में सवार हो गए। अमन रतिया के रहने वाले हैं और लोगों को इमीग्रेशन में मदद का काम करते हैं। बरात सोमा टाउन के एक होटल में पहुंची, जहां जयमाल की रस्म हुई।
बग्घी में सवाल दूल्हा और दुल्हन।
दुल्हन बकीर्ति गिल्होत्रा के पिता सुभाष गिल्होत्रा रोडवेज से सेवानिवृत्त हैं। सुभाष ने बताया कि उनके तीन बेटियां हैं। कीर्ति हमारी सबसे छोटी बेटी है। इसलिए हम उसकी बरात ले जाना चाहते थे। हमने वरपक्ष से इसकी इजाजत मांगी। उन्होंने इसे बाखुशी स्वीकार कर लिया और कहा कि हम बरात के स्वागत के लिए तैयार हैं।