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आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

प्राकृतिक आपदा, हादसे से मौत पर सहायता राशि मिलेगी चार लाख

भोपाल, ब्यूरो। प्रदेश में प्राकृतिक आपदा हो चाहे बस या नाव हादसा, इसमें जान गंवाने वालों के परिजनों को अब बतौर आर्थिक सहायता चार लाख रुपए दिए जाएंगे। सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में राजस्व पुस्तक परिपत्र में संशोधन को मंजूरी दी। कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए जनसंपर्क मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि किसान, गरीब और छोटे व्यापारियों को देखते हुए अनुदान सहायता दोगुनी से ज्यादा बढ़ाने के प्रस्तावmp_vallbah_bawan_22_nov_20161122_12575_22_11_2016 को मंजूरी दी गई है।

अब बाढ़ या आग से प्रभावित दुकानदारों को सहायता 6 की जगह 12 हजार रुपए दी जाएगी। इसके लिए बीमा न होने पर वार्षिक आय 35 हजार रुपए की जगह अब 1 लाख रुपए मान्य होगी। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक प्रकोप से निजी कुएं या नलकूप में टूट-फूट या धंस जाने पर मालिक को नुकसान की भरपाई 6 हजार रुपए की जगह 25 हजार रुपए तक की जाएगी। आग या अन्य प्राकृतिक आपदा से किसान के बैलगाड़ी या अन्य कृषि उपकरण नष्ट होने पर अनुदान सहायता 4 हजार रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दी है।

इन मामलों में चार लाख की मदद

-बस के नदी में या पहाड़ी से गिरने पर सवारी की मृत्यु होने पर।

-प्रावधान सांप या जहरीले जीव के काटने से मौत होने पर।

-नदी में डूबने या नाव दुर्घटना में मृत्यु होने पर।

विकास योजनाओं को जोनल प्लान का दर्जा

विकास प्राधिकरणों की विकास योजनाओं को तब तक जोनल प्लान का दर्जा मिलेगा, जब तक जोनल प्लान नहीं बन जाते। इसके लिए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम में संशोधन विधेयक लाने को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इससे विकास प्राधिकरणों की लंबित योजनाओं को आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है।

इन योजनाओं को कानूनी मान्यता रहेगी। वहीं, नगरीय विकास विभाग वार्डों की सीमा चुनाव से छह माह पहले निर्धारित करने के लिए भी विधेयक लाएगा। डॉ.मिश्रा ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव के पहले तक वार्डों की सीमा तय करने की जगह एक साल पहले प्रक्रिया करने का सुझाव रखा था, जिसे छह माह तय किया गया है।

2500 रुपए से ज्यादा नहीं होगा किराए

प्रदेश में रीजनल कनेक्टिविटी के लिए विमान ऑपरेटर कंपनियों के साथ एयरपोर्ट अथॉरिटी करार करेगी। इसमें 2500 रुपए से ज्यादा की टिकट नहीं होगी। यदि ऑपरेटर को ये दर कम लगती है तो वो प्रस्ताव देगा। अंतर की राशि की पूर्ति केंद्र सरकार 80 प्रतिशत और राज्य सरकार 20 फीसदी करेगी। राज्य सरकार के बीच हुए एमओयू के तहत राज्य सरकार हवाई पट्टियों पर बिजली, पानी, सड़क, फायर ब्रिगेड जैसी सुविधाएं मुहैया कराएगी। योजना में नीमच, रतलाम, खरगोन, खंडवा, शिवपुरी, गुना, टेकनपुर, ढाना, सतना, सीधी, रीवा, छिंदवाड़ा, उज्जैन, झाबुआ, बिरुआ, पन्ना, पचमढ़ी, उमरिया, सिवनी, मंडला, दतिया और मंदसौर की हवाई पट्टियों को शामिल किया गया है।

किसानों को मिलेंगे 20 हजार रुपए हेक्टेयर

कैबिनेट ने नर्मदा नदी के दोनों किनारे पर 3 साल में 45 हजार हेक्टेयर में फलदार पौधारोपण की योजना को मंजूरी दे दी। इसमें किसान अपनी जमीन पर फलोद्यान लगाता है तो उसे पहले तीन साल के लिए प्रतिवर्ष 20 हजार रुपए हेक्टेयर के हिसाब से वित्तीय सहायता दी जाएगी। योजना में नर्मदा नदी से लगे 16 जिलों को शामिल किया है।

अन्य फैसले

– प्रधान आरक्षक आम्स के पद को प्रधान आरक्षक (डीआई) में परिवर्तित करने को मंजूरी।

– अजजा वर्ग के चार हाई स्कूल का हायर सेकेंडरी में अपग्रेड करने को मंजूरी। 72 पद मंजूर।

– स्टेट गेस्ट को होटलों में ठहराने के लिए भंडार क्रय निगम से मिलेगी छूट।

– सरकारी भोज का इंतजाम पर्यटन विकास निगम करेगा। इसके इंकार करने पर कोटेशन के आधार पर व्यवस्था की जाएगी। टेंट, कुर्सी, लाइट, माइक और मंच सज्जा के लिए भी यही प्रावधान लागू होंगे।

 

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