देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
वैसे तो खीरी जिला प्रदेश के सबसे बड़ा जिला होने व प्रदेश का एकमात्र दुधवा नेशनल पार्क स्थिति होने का गौरव संजोऐ है। लेकिन इन गौरवों के बीच सालों से एक बदनुमा दाग भी जिले के दामन पर लगा है। प्रदेश के सबसे बड़े जिले के पास अपना एक अदद बस डिपो तक नहीं है। एक काम चलाऊ डिपो ही संचालित है जिसमें सभी अनुबंधित बसें हैं। वैसे तो सालों पहले एक डिपो व सर्विस स्टेशन बनाने का प्रस्ताव पास हुआ था लेकिन जमीन के अभाव में वह भी अधर में लटका हुआ है।
बड़े जिले की आबादी में साल दर साल जबरदस्त इजाफा हो रहा है। बाहर से आने वाले लाखों लोग यहां बसे हुए हैं। जिसके चलते उन्हें आवागमन के लिए बस डिपो पर निर्भर होना पड़ता है। लेकिन आबादी के अनुपात में यहां का रोडवेज बस डिपो बस नाम-मात्र का है। इस डिपो में बसें अनुबंधित व दूसरे डिपो की हैं। इस संबंध में डिपो के जिम्मेदार बताते हैं कि आबादी के अनुपात में बस डिपो व सर्विस स्टेशन बनाने के लिए कम से कम चार एकड़ जमीन की आवश्यकता है। जिम्मेदारों की मानें तो इसका प्रस्ताव पास है लेकिन भूमि के अभाव में यह मामला सालों से अटका पड़ा है।
हालांकि देश में मोदी और प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि केंद्र व प्रदेश सरकारों का गठजोड़ इस समस्या को लेकर कोई न कोई हल जरूर निकाल लेगा। यहां मंत्री गुलाब देवी को प्रभारी मंत्री तक बनाया गया है। यह मंत्री अक्सर आकर सरकार की योजनाओं व समस्याओं की देख-रेख करती हैं। पर इसे अजीब ही कहा जाएगा कि रोडवेज के लिए जमीन दिलाने पर यह प्रभारी मंत्री भी गंभीर नहीं हैं।
तब सांसद ने कहा था ‘आप जमीन दिला दो मैं डिपो बनवा दूंगा
बात वर्ष 2009 की है। लोकसभा चुनाव से ऐन पहले तत्कालीन खीरी सांसद रवि प्रकाश वर्मा ने प्रेसवार्ता आयोजित की थी। पत्रकारों ने सालों से पड़े बस डिपो के मुद्दे को सामने रखा। रवि वर्मा ने कहा कि जमीन के अभाव में यह नहीं हो पा रहा है। इसमें कोई राजनीति नहीं। उन्होंने यहां तक कह डाला था कि यदि आप जमीन दिलवा दो तो मैं डिपो बनवा दूंगा। डिपो न बनने के चलते उस दौर में कुछ अन्य चर्चाएं गर्म हुई थीं जिसमें एक चर्चा यह भी थी कि तत्कालीन सांसद डिपो का निर्माण गोला के आस-पास कराना चाहते हैं।