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पैरों के दर्द को ना करें इग्नोर

अगर आप अपने पैर के हल्के दर्द को लंबे समय से इग्नोर कर रही हैं, तो ऐसा न करें।

पैरों के दर्द से आपको डीप वेन थ्रेम्बॉसिस (डीवीटी) हो सकता है। इसमें बॉडी के इंटरनल पार्ट्स में ब्लड क्लॉट्स बन जाते हैं। खासतौर से पैर में। इसमें एक पैर की वेन(नस) में ब्लड क्लॉट हो जाता है, जो उस वेन के ब्लड सर्कुलेशन को रोक देते हैं। डीवीटी तब ज्यादा खतरनाक हो जाती है, जब ब्लड क्लॉट्स क्रैक होकर ब्लड के साथ बहकर लंग्स तक पहुंच जाते हैं। इस सिचुएशन को पलमोनरी इंबेलिम कहते हैं। इस सिचुएशन में चेस्ट में पेन और सांस लेने में तकलीफ होती है। यही नहीं, लंग्स तक ब्लड के क्लॉट्स पहुंचने के 30 मिनट के अंदर पेशंट की डेथ तक हो सकती है।

  • 40 फीसदी लोग इस बीमारी से परेशान

हाल ही में आई एक स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिया में करीब 40 पर्सेंट लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि डीवीटी के 80 पर्सेंट केसेज में किसी तरह के सिम्प्टम्स ही नहीं होते। यह बीमारी अब यूथ में भी देखी जा रही है लेकिन 40 साल से ज्यादा के उम्र के लोग इसकी चपेट में तेजी से आ रहे हैं। 

  • कारण

अगर आप लंबे समय से चल-फिर न रही हों। मसलन, पैर या शरीर के किसी अन्य भाग के ऑपरेशन के बाद।
लॉन्ग डिस्टेंस एयर ट्रैवलिंग।
वजन अधिक होने पर।
परिवार में किसी को पहले यह समस्या हो चुकी हो

  • आसान है ट्रीटमेंट 

इसमें ब्लड क्लॉट्स को गलाने की दवा दी जाती है। यह दवाई ब्लड को पतला करती है। इस बीमारी के ट्रीटमेंट के दौरान ब्लड की कई बार जांच की जाती है। कभी-कभार यह दवाई 6 महीनों तक लगातार लेनी पड सकती है। लापरवाही से ब्लड क्लॉट्स बढते जाते हैं, जो कई बॉडी पार्ट्स के ब्लड सर्कुलेशन को डिस्टर्ब करते हैं। इससे टांग में इसचीमिया यानी ब्लड का सर्कुलेशन कम होने लगता है, जिससे पोस्ट थ्रोम्बोटिक सिंड्रोम जैसे पैर में अल्सर होने की समस्या भी आ सकती हैं।

  • अगर आप इस बीमारी की चपेट में आ गए हैं, तो कुछ चीजों पर ध्यान दें

अगर वजन ज्यादा हो, तो घटाएं।

धूम्रपान करते हों, तो इस लत को जल्द से जल्द छोड दें।

अगर आपका ऑपरेशन होना है, तो इसके पहले और बाद में डॉक्टर की एडवाइस से ब्लड क्लॉट्स गलाने वाली दवा लें।

अगर लंबी एयर या ट्रेन जर्नी पर जाना हो, तो थोडी- थोडी देर बाद पैर की एक्सरसाइज करें।

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