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पेट्रोलपम्प मालिकों की मनमानी,घटतौली के बाद करते हैं सीनाजोरी

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
आईओसी के ईमानदार सेल्स आफीसर मंजूनाथ सेनमुगम की शहादत भी ‘तेल में खेल’ को रोक पाने में नाकाम साबित हो रही है। वैसे तो कस्बों व ग्रामीण अंचलों से पेट्रोल पम्पों पर घटतौली के मामले प्रकाश में आते रहते हैं। लेकिन जिला मुख्यालय भी इससे अछूता नहीं रहा। शहर के बीचों-बीच स्थित एक पेट्रोल पम्प पर भी कुछ ऐसा ही कारनामा घटा। एक व्यक्ति को ढाई सौ रुपए खर्च करने के बाद भी महज दो लीटर पेट्रोल ही मिला। शक होने पर जब उसने तेल की नाप कराई तब उसे घटतौली किए जाने का पता चला। युवक की पेट्रोल पम्प कर्मियों से काफी देर तक तीखी नोंक-झोंक होती रही। आखिरकार वाहन स्वामी को उतना ही तेल ले जाने का विवश होना पड़ा। 

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लक्ष्मी फिलिंग स्टेशन का मामला

शहर के मोहल्ला संकटा देवी निवासी विजय कुमार गुप्ता मां संकटा देवी मंदिर के करीब स्थित लक्ष्मी फिलिंग स्टेशन पर पेट्रोल डलवाने गए थे। विजय बताते हैं कि पहले उन्होंने 40 रुपए का पेट्रोल डलवाया। दो किमी चलने के बाद उनकी गाड़ी बंद हो गई। काफी मशक्कत के बाद फिर उन्होंने 40 रुपए का पेट्रोल डलवाया। फिर कुछ किमी चलने के बाद उनकी गाड़ी बंद हो गई। उन्हें शक हुआ कि पेट्रोल पम्प कर्मी घटतौली कर रहे हैं। वह गाड़ी खींचते हुए पम्प पर पहुंचे। इस बार उन्होंने दो लीटर पेट्रोल भरने को कहा। जैसे ही मीटर में दो लीटर तेल आपूर्ति हो जाना प्रदर्शित हुआ और पम्प कर्मी ने मशीन बंद की विजय ने डाले गए तेल की नाप करने को कहा। 

नापने पर निकला कम तेल

विजय के मुताबिक जब पम्प कर्मियों ने अपने पैमाने में तेल भरा तो वह दो लीटर की बजाए एक लीटर सौ मिली लीटर ही था। यह देख विजय गुप्ता भड़क गए। उन्होंने अपने भाइयों व जान-पहचान वालों को भी बुला लिया। सभी के पहुंचने के बाद काफी देर तक पम्प कर्मियों और वाहन स्वामी के बीच नोंक-झोंक होती रही। 

मैनेजर दी हास्यास्प्रद जानकारी

पम्प मैनेजर ने तो बहुत ही हास्यास्प्रद जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पेट्रोल को जितनी बार नपवाया जाएगा उतनी ही बार पेट्रोल कम निकलेगा क्योंकि पेट्रोल हवा में उड़ जाता है। हालांकि उनके इस तर्क का असर किसी पर भी नहीं पड़ा। खुलासे के बावजूद पम्प कर्मियों ने न तो गलती मानीं और न ही कम पड़े तेल की भरपाई की। आखिरकार वाहन स्वामी व उनके साथियों को ही जाना पड़ा। 

तब घटतौली पकड़े जाने पर बंद हुआ था पेट्रोल पम्प

वर्ष 2005 में आईओएसी सेल्स आफीसर मंजूनाथ सेनमुगम की हत्या के बाद हत्यारोपी मोनू मित्तल का पेट्रोल पम्प सीज कर दिया गया था। कुछ दिन बाद तत्कालीन सदर एसडीएम एस.पांडियन सी को जानकारी मिली कि राजगढ़ स्थित सरना पेट्रोल पम्प व रेलवे स्टेशन के सामने स्थित सहित शहर के अन्य नामचीन पेट्रोल पम्पों पर घटतौली किए जाने की शिकायत मिली। एसडीएम सदर ने तुरंत छापामारी अभियान चलाया। वह राजगढ़ के सरना पेट्रोल पम्प पर पहुंचे और पेट्रोल की तौल कराई। जिसके बाद घटतौली की पुष्टि हुई और पेट्रोल पम्प को सीज कर दिया गया था। 

इस भ्रष्टाचार को संरक्षण भी है प्राप्त

2005 में तत्कालीन एसडीएम एस.पंडियन सी की छापामार कार्रवाई के दौरान न केवल पेट्रोल पम्पों पर घटतौली बल्कि विभागीय कर्मचारियों और पेट्रोल पम्प कर्मियों के बीच चोली-दामन के रिश्ते होने की पुष्टि एक साथ हुई थी। छापामार कार्रवाई के दौरान एसडीएम को सबसे पहले छापा शहर के एक अन्य पेट्रोल पम्प पर मारना था। उन्होंने एक अधीनस्थ को उस पेट्रोल पम्प पर चलने को कहा लेकिन अधीनस्थ ने वहां ले जाने की बजाए गाड़ी सरना पेट्रोल पम्प की ओर मुड़वा दी। एसडीएम ने यहां घटतौली तो पकड़ी लेकिन जब उन्हें पता चला कि यह पेट्रोल पम्प कोई और है तो उन्होंने अधीनस्थ को जमकर फटकार लगाई और दूसरे पेट्रोल पम्प पर ले चलने को कहा। जब तक उस पेट्रोल पम्प पर पहुंचते मालिक, मैनेजर व पम्प कर्मी सभी रफूचक्कर हो चुके थे। इसके बाद कुछ अन्य जगह जाने पर भी ऐसी ही स्थिति मिली।

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