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पुलिस व प्रधान की प्रताडऩा से परेशान परिवार ने छोड़ा गांव

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
पुलिस और प्रधान की प्रताडऩा से परेशान होकर एक मजदूर परिवार ने आखिरकार गांव छोडऩे का फैसला कर दिया। गांव में तैनात शराबी सफाई कर्मी की बाइक चोरी हुई थी। सफाई कर्मी ने इसी परिवार बाइक को चुरा ले जाने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी। इसके बाद से न केवल पुलिस आए रोज उसे परेशान किया करती थी बल्कि प्रधान भी आए दिन उनकी नाक में दम किया करता था। आखिरकार परिवार ने गांव छोडऩे में ही भलाई समझी। 

प्रमोद खायी मिला बेहोश,प्रधान ने लगाया चोरी का आरोप

जानकारी के अनुसार, बीते चार दिन पहले गरीब सुरेंद्र का बड़ा बेटा प्रमोद अपने 5 वर्षीय पुत्र के साथ गांव से सफाईकर्मी वीरेंद्र के साथ बाइक पर सवार होकर दवाई लेने गया था। वापसी में वीरेंद्र ने प्रमोद को कुछ नशीला पेय पिला दिया जिससे वह नशे में धुत हो गया। उसके साथ आया 5 वर्षीय बेटा देर शाम हो जाने की वजह से सो चुका था। काफी देर रात तक जब दोनों वापस नहीं आये तो उनके परिजन ने इसकी सूचना डायल 100 को दी। जैसे-तैसे डायल 100 ने कल्लिया गांव के पास बनी खाई से नशे की हालत में प्रमोद को बरामद किया। लेकिन प्रमोद का बेटा नहीं मिला। काफी खोजबीन के बाद सुबह 5 बजे ग्रामीणों ने पकरिया गांव के पास बच्चे को रोते हुए पाया। इसकी सूचना 100 को फिर दी गई। बच्चे द्वारा पता बताए जाने पर उस बच्चे को सुरेंद्र के हवाले किया गया। लेकिन सुबह होते ही सफाई कर्मी वीरेंद्र व नगरा गांव के प्रधान महेंद्र गरीब प्रमोद के घर आ धमके।सफाई कर्मी ने उस पर बाइक चोरी का इल्जाम लगाने लगे। इसकी सूचना पुलिस को दी गई तो पुलिस ने प्रमोद के छोटे भाई को शनिवार को थाने ले आई। गाड़ी के बारे में और पूछताछ शुरू कर दी। जब कहीं से भी सुराग नहीं लगा तो तीन दिन में चार-पांच बार सुरेंद्र के घर में रेड डाली गई। हालांकि इस रेड में पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लगा। वहीं प्रमोद की पत्नी का आरोप है कि रेड डालने आये पुलिसकर्मियों ने उसके साथ बदतमीजी की और अपशब्दों के साथ अमर्यादायित भाषा का प्रयोग भी किया। सबसे बड़ी बात यह है कि पुलिस ने उस वक्त पीडि़ता के घर में छापा मारा जब वह घर में अकेली थी। लगातार हो रहे इस जुल्म से आखिरकार परिवार टूट गया। पुलिस और प्रधान के कोप से बचने के लिए गांव से पलायन कर गया है।

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