राज्य प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा यानी पीसीएस 2017 को लेकर उप्र लोकसेवा आयोग अपना रुख स्पष्ट नहीं कर रहा है, बल्कि ‘प्रारंभिक परीक्षा समय पर होगी और मुख्य परीक्षा के लिए विज्ञापन बाद में आएगा की चर्चा से प्रतियोगियों की धड़कनें तेज हैं। युवाओं का कहना है कि जब प्री एवं मुख्य परीक्षा की तारीखें पहले से तय हैं तब विज्ञापन आदि जारी करने में देरी क्यों की जा रही है। साथ ही मुख्य परीक्षा का पैटर्न बदलने को आयोग देर क्यों कर रहा है? इसकी जानकारी समय से दी जानी चाहिए।
आयोग की पीसीएस 2017 की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा लेकर युवा सड़क पर उतर आए हैं। असल में पिछले कई वर्ष से इस परीक्षा का नोटीफिकेशन जनवरी के पहले सप्ताह में अनिवार्य रूप से जारी होता रहा है। पिछले वर्ष तो सीसैट का प्रस्ताव शासन में अटका था, लेकिन आयोग ने विज्ञापन जारी करने में देरी नहीं की, हालांकि विज्ञापन निकलने के कुछ दिन पहले ही सीसैट क्वालीफाइंग करने का आदेश आ गया था। इस बार भी ऐसा ही पेंच फंसा है। यूपीएससी की तर्ज पर आयोग पीसीएस की मुख्य परीक्षा का पैटर्न बदलना चाहता है इसके लिए शासन को प्रस्ताव भी भेजा गया है, लेकिन वहां से अब तक जवाब नहीं आया है,
जबकि प्रारंभिक परीक्षा 19 मार्च को होना पहले से प्रस्तावित है। इसी बीच यह सूचनाएं तेजी से फैल रही थी कि आयोग प्री परीक्षा समय पर कराएगा, लेकिन मुख्य परीक्षा का विज्ञापन अलग से जारी करेगा। इसको लेकर युवा भड़क गए हैं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने शुक्रवार को सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया और आयोग को ज्ञापन सौंपा। मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय ने कहा कि अब तक परीक्षा का विज्ञापन जारी न होने से भ्रम का माहौल है वहीं एक ही परीक्षा का दो बार विज्ञापन निकालने से युवा और परेशान हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयोग को परीक्षा पैटर्न में बदलाव करने की जानकारी समय रहते अभ्यर्थियों को देनी होगी,
ताकि वह ठीक से तैयारी कर सके। यह गलत है कि परीक्षा के कुछ दिन पहले पैटर्न बदलने का आदेश जारी किया जाए। उन्होंने प्री और मेंस का विज्ञापन एक साथ जारी करने की मांग की। ज्ञापन आयोग के संयुक्त सचिव विपिन मिश्र को सौंपा। पांडेय बोले, अनसुनी पर आंदोलन होगा। यहां सोनू श्रीवास्तव, देवेंद्र, संतोष, आलोक, रविंद्र दूबे आदि मौजूद थे। पुराने पैटर्न पर ही परीक्षा के आसार आयोग के सूत्रों की मानें तो पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा भी पुराने पैटर्न पर ही होगी। शासन ने अभी इसमें बदलाव को मंजूरी नहीं दी है। इसके लिए उसे चुनाव आयोग से अनुमति लेना जरूरी है इससे बचने के लिए आयोग पुराने पैटर्न पर ही इस बार परीक्षा कराने पर विचार कर रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही विज्ञापन जारी होगा।