Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

पवनमुक्तासन से होंगे इतने फायदे, आप रह जायेंगे हैरान

पवनमुक्त का अर्थ है पवन या हवा को मुक्त करना। इस आसन को करने से पेट की वायु निकालने में मदद करता है, इस कारणवश इस आसन का नाम पवनमुक्तासन है। 

विधि
पवनमुक्तासन योग को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। इसके बाद दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए घुटने को दोनों हाथों से पकड़कर छाती की ओर लाएं। इसके बाद सिर को जमीन से ऊपर उठाने की कोशिश करते हुए अपनी नाक से घुटने का स्‍पर्श करें। 

इस स्थिति में जब तक हो सके बने रहे। थोड़ी देर बाद वापस पहले वाली स्थिति में आ जाएं। यही क्रिया दूसरे पैर से भी करें। इसके बाद इसे दोनों पैरों से एक साथ करें। पवनमुक्तासन योग दिन में 5 से 10 बार रोजाना करने से पेट की समस्‍या से पूरी तरह से मुक्ति मिल जाती है। 

लाभ
• पीठ व पेट कि मासपेशियों को मज़बूत बनाता है|
• हाथों व पैरों की मासपेशियों को मज़बूत बनाता है|
• पेट एवं दूसरे इन्द्रियों की मालिश करता है| 
• पेट में से वायु को निकलता है और पाचन क्रिया में मदद करता है|
• रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है और पीठ व कूल्हे के जोड़ के हिस्से को तनाव मुक्त करता है|

सावधानी
• अगर किसी व्यक्ति के घुटनों में दर्द हो तो वो ये आसन बिल्कुल ना करें।
• खाना खाने के तुरंत बाद इस आसन को नहीं करना चाहिए।
• अगर आपकी कमर या गर्दन में दर्द रहता हो तो इस आसन को करने से बचें।