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पलायन रोकने के लिए बनेगी ठोस नीति: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

21_03_2017-cmtrivendrarawatpcदेहरादून: प्रदेश सरकार लगातार हो रहे पलायन को रोकने के लिए ठोस नीति बनाएगी। पर्वतीय क्षेत्र के विकास के लिए प्रवासी उत्तराखंड वासियों का सहयोग लिया जाएगा। गोवंश संरक्षण अधिनियम को और सख्ती से लागू किया जाएगा। गढ़वाल से कुमाऊं को जोड़ने वाले कंडी मार्ग को बनाने के लिए सरकार पूरा जोर लगाएगी। प्रदेश में फिजूलखर्ची पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।
सोमवार को न्यू कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास पर पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने सरकार की प्राथमिकताएं गिनाईं। उन्होंने कहा कि प्रदेश से हो रहा पलायन सामरिक सुरक्षा की दृष्टि से भी चिंता का विषय है। सीमांत क्षेत्रों में लोगों का रहना आवश्यक है। पलायन रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। प्रवासी उत्तराखंड वासियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। देहरादून में उनके साथ बैठक कर इस बात पर विमर्श किया जाएगा कि वे पर्वतीय क्षेत्र के विकास के लिए किस प्रकार अपना योगदान दे सकते हैं। इसके लिए सेवानिवृत्त अधिकारियों व विशेषज्ञों का भी योगदान लिया जाएगा। राज्य में उद्योगों का पलायन रोकने के कारणों की समीक्षा की जाएगी और इनके आड़े आ रही समस्याओं को दूर किया जाएगा। कानून-व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी। 
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार प्रदेश पर जो आर्थिक भार छोड़ कर गई है उसका अध्ययन किया जाएगा और फिजूलखर्ची पर रोक लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में भाजपा सरकार होने से परिसंपत्तियों के बंटवारे की समस्या भी दूर होगी। उन्होंने कहा कि गंगा की निर्मलता व अविरलता के लिए नमामि गंगे मिशन पर तेजी व दृढ़ता से कार्य किया जाएगा। प्रदेश में पारदर्शी, संतुलित विकास व स्वच्छ प्रशासन के संकल्प को लागू किया जाएगा। स्वच्छता अभियान के संबंध में उन्होंने कहा कि इसकी शुरूआत हो गई है और इसे व्यवस्थित तरीके से चलाकर अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। कंडी मार्ग को लेकर जो भी कानूनी अड़चन है सरकार उस दिशा में काम करेगी।
 

 

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