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नोट की चोट, अब सब्जी और चीनी और दूध तोड़ेंगे कमर

नई दिल्ली : कैश के संकट के कारण हजारों ट्रक देश के नैशनल हाइवे पर खड़े हैं। इस वजह से सामानों की डिलिवरी पर खतरा पैदा हो गया है। लॉजिस्टिक्स फर्मों और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स का कहना है कि 30 लाख में से तकरीबन 90 फीसदी ट्रक पिछले 2-3 दिन से देश की सड़कों पर दरअसल, पेट्रोल पंप, स्टेट हाइवे टोल कलेक्शन पोस्ट और छोटे रेस्ट्रॉन्ट्स 500 और 1,000 रुपये के नोट से कैश पेमेंट लेने से मना कर रहे हैं। इससे कमोडिटीज, सब्जियां, दाल और अन्य फूड प्रॉडक्ट्स के अपने ठिकाने तक पहुंचने में देरी हो सकती है। ऐसे में सामानों की कमी से इनकी कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो सकती है।

Patna: Prime Minister Narendra Modi addresses at the 87th ICAR Foundation Day Celebrations in Patna on July 25, 2015. (Photo: IANS)
देश में करीब 1 करोड़ कमर्शल गाड़ियां चलती हैं। इंडस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, इनमें से 30 लाख ट्रक एक से दूसरे शहरों के बीच माल की ढुलाई करती हैं। एक्सप्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर विजय कुमार ने बताया, ‘हम इस पहल के पक्ष में हैं, लेकिन ट्रांसपोर्टर्स को अपने कैश की स्थिति को संभालने के लिए और ज्यादा वक्त दिया जाना चाहिए।’ इसमें डीएचएल और गति जैसे 25 बड़े एक्सप्रेस ऑपरेटर्स शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को ऐलान किया था कि आधी रात से 500 और 1000 के नोट चलन में नहीं रहेंगे। इसका मकसद काला धन पर शिकंजा कसना था। रिजर्व बैंक ने बाद में कहा कि सरकार अस्पतालों में, टिकट काउंटर, सरकारी बस सेवाओं, रेलवे और पेट्रोल पंप 11 नवंबर तक पुराने नोट बदलेंगे।
इसके बाद इसे सुविधा को 14 नवंबर तक बढ़ा दिया गया और इसमें कोर्स फीस को भी शामिल कर लिया गया। हालांकि, ऐसी कई इकाइयां- खास तौर पर छोटे शहरों और सड़कों पर इस निर्देश का पालन नहीं कर रही हैं।
ट्रक इंडस्ट्री के एग्जिक्युटिव्स के मुताबिक, कुछ हाइवे पर 15 किलोमीटर तक ट्रकों की लाइन लगी है। कैश की दिक्कत के कारण ट्रक कई दिनों से अटके पड़े हैं। एक ट्रक कंपनी के चीफ ने बताया, ‘ट्रकों के ड्राइवरों को आम तौर पर लंबी दूरी में अडवांस के तौर 35,000 रुपये दिए जाते हैं। इसमें से 25,000 रुपये तक फ्यूल पर खर्च किया जा सकता है। हालांकि, दुकानें करंसी स्वीकार करने से मना कर रही हैं। लिहाजा, ट्रक फंसे हुए हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हमारे आम तौर पर रोड किनारे ढाबों से अच्छे रिश्ते हैं। हालांकि, यह रिश्ता भी काम नहीं आ रहा है।’ एक एग्जिक्यूटिव के मुताबिक, सरकार ने 14 नवंबर तक नैशनल हाइवे पर टोल कलेक्शन सस्पेंड कर दिया है, लेकिन स्टेट हाइवे के बूथ टोल मांग रहे हैं और इनवैलिड हो चुके नोट स्वीकार नहीं कर रहे हैं। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने सरकार से एटीएम में निकासी की सीमा बढ़ाने की मांग की है। 
 
 
 

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