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नोटबंदी से तंगी में आई इस लड़की ने किया ऐसा काम, मिले करोड़ों रुपए

एनआरआई महिला रवनीत कौर दोस्तों के साथ मिलकर अमीर लोगों को अपने जाल में फंसाती थी। युवती ने एक साल में सात लोगों से 4 करोड़ रुपए वसूलने की बात पहले ही कबूली चुकी है।

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बुधवार को पूछताछ के दौरान सामने आया की रवनीत और अक्षत की दोस्ती एक कॉमन कॉलेज फ्रेंड के जरिए हुई थी। तंगी से परेशान रवनीत अक्षत से मिली और धीरे-धीरे ब्लैकमेलिंग गैंग का हिस्सा बन गई। 
2012 में जयपुर की एक यूनिवर्सिटी में बीबीए में एडमिशन लेने के बाद रवनीत कौर की कॉलेज फ्रेंड ने अक्षत से परिचय करवाया था। अक्षत शर्मा 2012 में किराए से रहता था और प्राॅपर्टी का काम करता था। उसने वैशाली नगर के एवरशाइन अपार्टमेंट में पंचमुखी बिल्डर नाम से ऑफिस खोल रखा था। बीबीए में एडमिशन के बाद रवनीत ने आर्थिक तंगी के चलते जयपुर में पार्ट टाइम जॉब ढूंढना शुरू किया।
तब रवनीत कौर की कॉलेज फ्रेंड ने अक्षत से मिलवाया। अक्षत ने 12 हजार रुपए मासिक वेतन में रवनीत कौर को अपने ऑफिस में जॉब पर रखा था। मार्च 2013 में अक्षत ने अपना प्रोपर्टी का ऑफिस बंद कर दिया। इसके बाद टीवी-24 न्यूज चैनल की फ्रैंचाइजी ली। जिसका ऑफिस गौरव टावर में बनाया। रवनीत को भी न्यूज चैनल के ऑफिस में जॉब पर रख लिया। जिसका करीब 70 हजार रुपए प्रतिमाह का खर्चा होता था। नवंबर 2013 में न्यूज चैनल की फ्रेंचाइजी हटा दी और ऑफिस बंद कर दिया।
जयपुर छोड़कर चली गई थी रवनीत इसके बाद 2013 में रवनीत कोटा में रहने चली गई। कोटा जाने के बाद भी रवनीत की अक्षत से फोन पर बातचीत होती रही। गैंग बनाने के बाद अक्षत ने रवनीत कौर को जयपुर बुलाया और हाईप्रोफाइल लोगों को फंसाकर मोटी कमाई करने की योजना बनाई।
रवनीत काैर कोटा छोड़कर जयपुर आ गई और सिरसी रोड स्थित अक्षत शर्मा के बगल के फ्लैट में रहने लगी थी। एक साल तक एडवोकेट नीतेश बंधु, नवीन देवानी, अक्षत शर्मा, विजय और आनंद शांडिल्य के साथ गैंग में शामिल होकर हाई प्रोफाइल लोगों को फंसाकर रुपए एंठने लगी थी।

महिला मित्र को गिफ्ट किए फ्लैट व 25 लाख के जेवर

आरोपी अक्षत ने ब्लैकमेलिंग के इस काम से दो साल में ढाई करोड़ रुपए ऐंठे थे। उसने ब्लैकमेलिंग के रुपए से पांच फ्लैट, चार कारें खरीदी। इनमें से अपनी महिला मित्र आकांक्षा को एक फ्लैट, 25 लाख रुपए के जेवर और कार गिफ्ट में दिए। सिरसी रोड स्थित अपार्टमेंट में अक्षत के बगल के फ्लैट में आकांक्षा रहती हैं। अक्षत की गिरफ्तार के बाद आकांक्षा गायब है। एसओजी ने उसे नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया है लेकिन वह एसओजी ऑफिस नहीं पहुंची। उसके फ्लैट पर भी दबिश दी लेकिन वह नहीं मिली।
आरोपी अक्षत शर्मा उर्फ सागरपुरी ने अप्रेल 2015 में सिरसी रोड पर कनकपुरा रेलवे स्टेशन के पास 16 मंजिला जेनेसिस अपार्टमेंट की आठवीं मंजिल पर 801 व 802 नंबर का फ्लैट खरीदा था। एक में वह खुद रहने लगा जबकि दूसरे में आकांक्षा। छह महीने बाद अक्टूबर में इसी अपार्टमेंट की 10वीं और 14वीं मंजि़ल पर दो फ्लैट खरीदे। 10वीं मंजि़ल के फ्लैट में जिम व स्पा जबकि 14वीं मंजिल के फ्लैट में डिस्कोथेक व छोटा बार खोला। इसके बाद अप्रैल 2016 में नजदीक ही दूसरे अपार्टमेंट में करीब 50 लाख रुपए कीमत का फिर फ्लैट खरीदा। एनआरआई रवनीत कौर को गैंग में शामिल करने के बाद अक्षत ने अपनी महिला मित्र आकांक्षा के साथ ही रखा था। एसओजी अब इस बात का पता लगा रही है कि आकांक्षा ने किन लोगों को ब्लैकमेलिंग का शिकार बनाया।

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