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दो आईपीएस अफसर के काम से मोदी सरकार नाखुश, दिखाया बाहर का रास्ता

सरकार ने संतोषजनक काम नहीं करने वाले अफसरशाहों को समय से पहले सेवानिवृत करने का सिलसिला जारी रखा है। मंगलवार को केंद्र सरकार के ऐसे ताजा फैसले की गाज दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर गिरी है। यह अधिकारी हैं 1992 बैच के राजकुमार देवनगन (छत्तीसगढ कैडर) और 1998 बैच के मयंकशील चौहान (एजीएमयू कैडर)। ips_1484672777
 सरकारी फैसले केमुताबिक इन्हें पेंशन पूरी मिलेगी। इस फैसले के एवज में इन्हें तीन महीने की पूरी तनख्वाह भी दी जा रही है। गृहमंत्रालय सूत्रों के मुताबिक सभी कैडर और केंद्रीय सेवा के विभिन्न  विभागों के अधिकारियों के कामकाज पर पैनी निगाह रखी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में कुछ और अधिकारियों पर  भी गाज  गिर सकती है।

45 अधिकारियों के पेंशन में कटौती का आदेश जारी किया गया था

 गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने सत्ता संभालने के डेढ़ साल के भीतर ठीक काम नहीं करने वाले 13 अफसरशाहों को अनिवार्य सेवानिवृति दे दी गर्इ थी। साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत 45 अधिकारियों के पेंशन में कटौती का आदेश जारी किया गया था। इसकी जानकारी दिसंबर 2015 को खुद कार्मिक राज्य  मंत्री जितेन्द्र सिंह ने राज्यसभा में दी थी। 

इसके बाद मई 2016 में सरकार ने 72 राजस्व अधिकारियों की सीधी बर्खास्तगी का फरमान जारी किया। साथ ही 33 राजस्व अधिकारियों को समय से पहले रिटायर कर दिया गया। पूर्व वित्त राज्य  मंत्री जयंत सिन्हा ने इस  कदम को विभाग की सफाई करार दिया था। इतना ही नहीं इसकेबाद 33 आयकर अधिकारियों को भी बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है।

 
 

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