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त्रिपुरा में भाजपा की जीत के सूत्रधार उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी गदगद

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने त्रिपुरा में पहली बार कमल खिलाने को जो ट्रंप कार्ड चला वह भी पार्टी की इस सफलता से बेहद गदगद है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भारतीय जनता पार्टी ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में ट्रंप कार्ड के रूप में प्रयोग किया। यह ट्रंप कार्ड चल गया।

त्रिपुरा में पहली बार कमल खिलने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी काफी गदगद हैं। इस जीत को उन्होंने ऐतिहासिक जीत बताया है। योगी आदित्यनाथ ने इस विजय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को बधाई दी है। 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की राजनीति में आज का दिन बेहद ही खास है। जब त्रिपुरा में 25 वर्ष से कायम लेफ्ट फ्रंट सरकार को जनता ने बाहर कर भारतीय जनता पार्टी पर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि अब पूर्वोत्तर के राज्यों में भी भाजपा ने अपना जनाधार बनाया है। नागालैंड और मेघायल में भी भाजपा का प्रदर्शन ऐतिहासिक है। 

त्रिपुरा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ योगी आदित्यानाथ, नितिन गडकरी व राजनाथ सिंह भी स्टार प्रचारकों में शामिल थे। इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने त्रिपुरा में सात चुनावी रैली की थी। त्रिपुरा के वोटरों को रिझाने में योगी आदित्यनाथ के इलेक्शन कैंपेन ने अहम भूमिक निभाई।सीएम योगी आदित्यनाथ ने त्रिपुरा में चुनावी सभा के साथ दो रोड-शो भी किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में नाथ संप्रदाय की मठ के महंत हैं। त्रिपुरा में भी नाथ संप्रदाय की गहरी पैठ है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने यहां पर 59 में से बीस विधानसभा क्षेत्र में प्रचार किया था। जिसमें से 17 में भाजपा ने जीत दर्ज की है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि त्रिपुरा में पार्टी की इस इस विजय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के अपने सभी कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूं। सीएम योगी ने कहा कि भारत की राजनीति में ये बेहद ही खास दिन है, जब त्रिपुरा में 25 वर्ष से कायम लेफ्ट फ्रंट सरकार को हराकर भारतीय जनता पार्टी ने अपना बड़ा जनाधार बनाया है।

उन्होंने दावा किया कि नागालैंड और मेघायल में भी बीजेपी का प्रदर्शन ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार के विकास के काम को देखते हुए पूर्वोत्तर के लोगों का विश्वास बढ़ा है। इन राज्यों के लोगों का यह विश्वास इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वी भारत के विकास को लेकर जो रणनीति तय की है, वह बेहद कारगर होगी।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहली बार किसी सरकार ने पूर्वी भारत के विकास के बारे में सोचा है। विकास चंद लोगों की जेब में नहीं बल्कि जमीनी हकीकत पर दिखाई देना चाहिए। असम के बाद मणिपुर उसके बाद त्रिपुरा की जीत ने साबित का दिया कि सिर्फ भाजपा ही देश का विकास चाहती है। नागालैंड में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन को ऐतिहासिक सफलता मिली है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बने ट्रंप कार्ड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने त्रिपुरा में रैलियां और सभाएं की। पहले तो कहा जा रहा था कि 25 वर्ष की वामपंथी सरकार को सत्ता से हटाना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा। भाजपा 2013 के चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। यही वजह थी कि भाजपा ने यहां ट्रंप कार्ड खेला। चुनाव के शुरूआती दिनों में त्रिपुरा भाजपा के हाथ से फिसल रहा था।

यह देख बीजेपी आलाकमान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को त्रिपुरा में प्रचार करने के लिए भेजने का फैसला किया। योगी आदित्यनाथ यहां ट्रम्प कार्ड साबित हुए। योगी आदित्यनाथ त्रिपुरा में स्टार प्रचारक थे। इसका एक बड़ा कारण यह था कि त्रिपुरा में नाथ संप्रदाय के मंदिर और अनुयायियों की संख्या काफी अधिक है। योगी यहां ट्रम्प कार्ड साबित हुए। योगी त्रिपुरा में स्टार प्रचारक थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने त्रिपुरा में सात चुनावी सभा के साथ दो रोड-शो भी किया था।

त्रिपुरा में नाथ संप्रदाय के मंदिर और अनुयायियों की संख्या काफी अधिक है। त्रिपुरा में पिछड़े वर्ग की आबादी करीब 30 प्रतिशत है। इसके साथ भाजपा की रणनीति अन्य हिंदू समुदायों को अपनी तरफ खींचने की थी। इसमें भाजपा कामयाब भी हुई। त्रिपुरा में पिछड़ी जातियों का कोटा नहीं है। नाथ अनुयायी चाहते थे कि उन्हें पिछड़ी जाति का कोटा दिया जाए। नाथ संप्रदाय के इसी मुद्दे को लेकर बीजेपी ने त्रिपुरा में योगी को उतारने का बड़ा दांव खेला और सफल भी हुए।

एक समय था जब भाजपा पूर्वोत्तर राज्यों की ओर ज्यादा जोर नहीं लगाती थी। यह पूरा क्षेत्र गैर हिंदीभाषी होने की वजह से वह यहां बहुत मजबूत नहीं रही है। अब असम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में सरकार बनने के बाद उसके हौसले बुलंद हैं। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में बीजेपी ने पहली बार पूर्वोत्तर में सत्ता पाने की अभूतपूर्व कोशिश की है। त्रिपुरा में वामपंथी सरकार को सत्ता से बाहर करने की बीजेपी की कोशिश आखिरकार कामयाब रही।