बार्डर पर चेकिंग के दौरान एसएसबी ने 2200 किलो ग्राम कालीमिर्च बरामद की है। इस काली मिर्च की कीमत करीब 14 लाख रूपए आंकी गई है, जो नेपाल से भारत लाई जा रही थीं। इस दौरान एसएसबी ने दो लोगों को हिरासत में लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह करीब 7 बजे एसएसबी को सूचना मिलती है कि एक वाहन पर भारी मात्रा में काली मिर्च नेपाल से भारत लाई जा रही है। अवैध रूप से पिकअप पर लादकर लाई जा रही है काली मिर्च की सूचना मिलने पर एसएसबी की बटालियन ने सीमा पर वाहनों की चेकिंग शुरू की। तभी इस वाहन को रोका गया जिसमें करीब 2200 किलो काली मिर्च लदी थी। वाहन चालक अमित सिंह ग्राम मुराड़खेड़ा व सर्वजीत सिंह ग्राम बमनगर अभियुक्तगण थाना सम्पूर्णानगर से जब पुलिस ने पूछतांछ की तो दोनों ही लदे हुए माल से सम्बन्धित दस्तावेज नहीं दिखा पाए। इसके बाद एसएसबी ने दोनों युवकों को माल सहित कस्टम विभाग के हवाले कर दिया है।
मामले पर एसएसबी कमाडेंट राजीव अहलूवालिया ने बताया कि तस्करी कर लाई जा रही काली मिर्च के बारे में मुखबिर से सूचना मिलने पर उनके द्वारा बार्डर पर तैनात बटालियन को सूचना दी गई, जिस पर कार्रवाई करते हुए बटालियन ने महिंद्रा पिकअप गाड़ी को रोका। जिसमें करीब 2200 किलो काली मिर्च बरामद हुई हैं। जिसकी अनुमानित लागत 14 लाख रूपए है। पकड़े गए दोनों युवकों को माल व वाहन सहित कस्टम विभाग के हवाले कर दिया गया है।
करीब पांच घंटे तक रसीद बनवाने को घूमता रहा तस्कर
सूत्रों की मानें तो एसएसबी ने शनिवार की सुबह 7 बजे ही काली मिर्च लदे वाहन को रोक लिया था लेकिन एसएसबी द्वारा इसकी अधिकारिक पुष्टि दोपहर 12 बजंे के बाद की गई है। करीब पांच घंटे तक पकड़े गए माॅल का बिल और रसीद बनवाने के लिए इस माल का मालिक पलिया क्षेत्र में घूमता रहा। जिससे एसएसबी की मिलींभगत भी सामने आई हैं। पांच घंटे तक एसएसबी ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की ? ऐसे कौन से सूत्र थें जिससे माल बनवाने वाले व्यक्ति तक माल पकड़े जाने की सूचना पहुंच। उसके बाद भी पांच घंटे तक बिल और रसीद का ख्ेाल चलता रहा। इससे यह सवाल उठना लाजिमी है कि कहीं न कहीं एसएसबी की कार्रवाई की जानकारी तस्करों तक सीधे पहुंच रही है। यह सवाल सिर्फ तस्करी का नहीं, यह देश से जुड़ी सुरक्षा का सवाल है। ऐसे में लापरवाह व्यक्ति पर जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए।