अक्सर जोड़ों में दर्द होने की वजह से लोग पेनकिलर दवाएं खाते हैं लेकिन लंबे समय तक इनका इस्तेमाल करने से हड्डियों पर बुरा साइड इफैक्ट पड़ता है और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इसके अलावा पेनकिलर दवाएं रीढ़ की हड्डी पर भी बुरा असर डालती हैं।
तनाव के कारण हाइपरटेंशन, हृदय रोग, पाचन संबंधी विकार, अवसाद और अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो जाती हैं। लेकिन अब इसका असर हड्डियों पर भी पड़ने लगा है। इसका आपकी हड्डियों पर एक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। तनाव के कारण कुछ युवाओं में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या देखी गई है। शहरी महिलाओं में काम और परिवार की देखभाल के चलते ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा तेज़ी से बढ़ रहा है।
नींद की कमी, कम फिजिकल एक्टिविटी और घंटों काम करना आदि से तनाव पैदा होता है। आप ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए प्राकृतिक उपचार का उपयोग कर सकते हैं। जब तनाव कम होता है, तो उसे सामान्य माना जाता है लेकिन तनाव ज्यादा होने पर इसका बॉडी और माइंड पर बुरा प्रभाव पड़ता है। वहीँ जब तनाव ज्यादा होता है, तो बॉडी कोर्टिसोल हार्मोन जारी करती है। बॉडी द्वारा कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ने से हड्डी के निर्माण में बाधा होती है।