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डॉक्टर जब मरीज के लिए बन गए भगवान

देव श्रीवास्तव्
लखीमपुर खीरी।
आम तौर पर स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही, अवैध वसूली की चर्चाएं आम रहती हैं, लेकिन मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मितौली अधीक्षक डॉ एन चौहान ने एक ऐसा उदाहरण पेश किया, जिससे डॉक्टरों के प्रति लोगों का नजरिया बदल जाएगा।
दरअसल मंगलवार की सुबह क्षेत्र के गांव डलुआपुर निवासी शिवराम सिंह अपनी पत्नी को लेकर सीएचसी पहुँचा। उसकी पत्नी मंजू को लगभग चार पाँच दिनों से टट्टी पेशाब नही हो रही थी, जिसके चलते वह दर्द के मारे तड़प रही थी। अधीक्षक डॉ एएन चौहान ने तुरंत ही उसका इलाज शुरू कर दिया। लेकिन चार पाँच घण्टे बीतने के बाद उसे राहत नही मिली हालत गम्भीर देखते हुए उस महिला को जिला अस्पताल को रेफर कर किसी जरूरी काम निपटाने में लग गए। लेकिन एम्बुलेन्सो में डीज़ल न होने के चलते, वह वहीं तड़पती रही। जब डॉ चौहान लगभग 8 बजे खाली हुए तो वह वार्ड के चक्कर लगाने में निकले तो देखा कि वह महिला अभी भी वही तड़प रही है। तो उस महिला के पति से पूछा कि आप अपनी पत्नी को लेकर जिला अस्पताल क्यों नही गए। तो उस महिला के पति ने रो- रोकर अपना दुखड़ा सुनाया। 

       साहब! हम बहुत गरीब हैं और आप कहे रहउ कि एम्बुलेन्स को फोन करो, पर हम कई बार एम्बुलेन्स को फोन कियेन लेकिन हर बार यहु कह कर फोन काट दिओ जाई रहो हई कि एम्बुलेन्स नही मिल सकती क्योंकि इन गाड़ियों में डीजल नही और हमारे पास ज़हर खाने भर के पैसे नाई हइ अब साहब बताबऊ हम का करी! 

सीएचसी अधीक्षक ने तुरंत एम्बुलेन्स के अधिकारियों को फोन लगाकर जानकारी ली। लेकिन वही बात निकली। डॉ एएन चौहान ने जैसे तैसे एम्बुलेन्स बुलवाकर उस महिला को जिला अस्पताल भेजने के साथ उस गरीब परिवार को पैसे दिए और वहा खड़े लोगों का दिल जीत लिया। कहा जाओ अगर कम पड़े तो और ले लेना। इसके साथ ही वहाँ पर मौजूद पत्रकार व अन्य लोगों ने उस बेबस पति को पैसे देकर मदद की।

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