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डीजल के धुएं ने छीन ली फूलों की खुशबू, गुलाब, लैवेंडर और लिली के फूल अब कम महक रहे

क्या बाग और पार्क से लौटने पर आपको महसूस होता है कि अब वसंत और फूलों की खुशबू पहले जितनी सुहावनी नहीं रही? इसके बाद आप खुद की उदासीनता को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा देते होंगे। पर ऐसा नहीं है। सच यह है कि फूलों की खुशबू ही पिछले कुछ सालों की तुलना में कम हो गई है। 

ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने शोध में पाया है कि प्रदूषण खासकर डीजल का धुआं फूलों की खुशबू को नुकसान पहुंचा रहा है। इससे लैवेंडर, डैफोडिल, गुलाब के फूल, स्नैपड्रैगन और लिली के फूल प्रभावित हुए हैं। 

यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के शोधकर्ता रोबी गर्लिंग के मुताबिक कस्बों और शहरों में ज्यादा प्रदूषण है, इसलिए वहां के फूलों की खुशबू ज्यादा कम हुई है। कम महकने के चलते ज्यादा दूरी से आप पहचान नहीं सकते हैं कि कौन सा फूल है। रोबी के मुताबिक उन्होंने कई शौकिया मधुमक्खियां पालने वालों से बात की।

खुशबू का दुश्मन नाइट्रोजन ऑक्साइड

उन्होंने बताया कि फूलों की खुशबू पहचानने में मधुमक्खियों को भी दिक्कत आ रही है। न्यू साइंटिस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक परागण करने वाले कीड़े अलग-अलग रसायन उत्सर्जित कर फूलों को पहचानते हैं। पर दिन में जब प्रदूषण ज्यादा होता है, तब मधुमक्खियां फूलों को पहचान ही नहीं पाती हैं। इससे मधुमक्खियों की संख्या भी कम हुई है। 

खुशबू का दुश्मन नाइट्रोजन ऑक्साइड

शोधकर्ताओं के मुताबिक डीजल से निकलने वाला नाइट्रोजन आक्साइड फूलों के उन पदार्थों या यौगिक को नुकसान पहुंचता है जो खुशबू उत्पन्न करते हैं। नाइट्रोजन आक्साइड मुख्य रूप से डीजल कारों से निकलता है। ब्रिटेन की रायल हार्टीकल्चरल सोसाइटी ने शोध को चिंतित करने वाला बताया है।