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डिजिटल है जमाना फिर भी रूपए के लिए पड़ेगा एटीएम का चक्कर लगाना

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
डिजिटलाइजेंशन का जमाना भले ही आ गया हो और सरकार डिजिटल ट्रंाजेक्शन की बात कर रही हो परंतु इसके विपरीत खीरी की आवाम पर आधुनिकता का संकट गहराता जा रहा है। भारी ओहा-पोह के बीच जनता पीस रही है। जरूरतों के लिए पैसे निकालनें बैंक जाते हैं, तो सर्वर नहीं, एटीएम पहंुचे तो सर्वर नहीं ऐसे में आम जरूरतें कैसे पूरी होंगी। 
  आपकों बता दें कि इन दिनों खीरी सहित लखीमपुर में भी डिजिटल और आधुनिक व्यवस्था से खासा डिस्टरवेंश बना हुआ है। कारण यह है कि सरकार तो डिजिटलाइजेंशन को बढ़ावा दे रही है परंतु सरकारी मशीनरी उसके साथ नहीं चल पा रही है। यही कारण है कि लोग इन दिनों खासे परेशान है। सर्वर की समस्या आम लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोगों को कैश की जरूरत आज भी पड़ती है। ऐसे में अगर जेंब में रूपया न हो तो यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि आप कितनी बड़ी परेशानी में है। इस रूपए को निकालनें के लिए लोगों को बैंक के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं क्योंकि बैंकों की रूपए फेंकने वाली एटीएम मशीन इन दिनों सर्वर की कमी से बीमार है। शनिवार को इलाहाबाद बैंक के मेन ब्रांच में लगे एटीएम का यही हाल रहा। सिर्फ एक बैंक नहीं बीते कई दिनों से स्टेट बैंक के एटीएम भी तरह-तरह की समस्याओं से ग्रस्त होकर बंद थे। बमुश्किल मेन शाखा का एटीएम ब्रांच शुरू करा पाई है। कुछ यही हाल शहर की अन्य बैंकों के एटीएमों का भी दिखा। बीते एक सप्ताह की बात करें तो शहर का कोई भी एटीएम लोगों को पूर्ण रूप से अपनी सेवा देते नहीं मिला। ऐसे में सरकार की आधुनिकता को बढ़ाने की अपील खीरी की जनता के गले के नीचे नहीं उतर रही हैं।