अमेरिकी डॉलर में इस साल लगातार गिरावट दर्ज की गई है। छह प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मूल्य सूचकांक में लगभग 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट जनवरी माह के बाद देखी गई है। अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनातनी के बीच शुक्रवार को डॉलर अपने निचले स्तर पर पहुंच गया। सूचकांक पिछले साल के मुकाबले थोड़ा ही गिरा है, लेकिन इसमें पिछले साल भी गिरावट दर्ज की गई थी।
यूरो हुआ मजबूत
यूरोप की अर्थव्यवस्था के लिहाज से यह एक अच्छी खबर है। साल 2014 में डॉलर के मुकाबले यूरो काफी कमजोर था। ऐसा तब हुआ था जब यूरोप के केंद्रीय बैंकों ने प्रोत्साहन नीति आपनाई थी, जबकि अमेरिका इससे दूरी बनाने लगा था। अब यूरोप की अर्थव्यवस्था सुधर रही है। इमैनुएल मैक्रों के चुनाव जीतने के बाद यूरो मजबूत हुआ है। यूरो का फायदा यह है कि डॉलर कमजोर हो रहा है। आज एक यूरो की कीमत 1.17 डॉलर से ज्यादा है, जो पिछले साल के मुकाबले दस सेंट अधिक है।
यूरोप की अर्थव्यवस्था के लिहाज से यह एक अच्छी खबर है। साल 2014 में डॉलर के मुकाबले यूरो काफी कमजोर था। ऐसा तब हुआ था जब यूरोप के केंद्रीय बैंकों ने प्रोत्साहन नीति आपनाई थी, जबकि अमेरिका इससे दूरी बनाने लगा था। अब यूरोप की अर्थव्यवस्था सुधर रही है। इमैनुएल मैक्रों के चुनाव जीतने के बाद यूरो मजबूत हुआ है। यूरो का फायदा यह है कि डॉलर कमजोर हो रहा है। आज एक यूरो की कीमत 1.17 डॉलर से ज्यादा है, जो पिछले साल के मुकाबले दस सेंट अधिक है।
अब ऐसा लग रहा है कि ट्रंप का आर्थिक एजेंडा पिछड़ रहा है। अमेरिकी चुनाव में रूस के कथित हस्ताक्षेप की चल रही पड़ताल ने ट्रंप प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी है। दूसरी तरफ इस सप्ताह उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच तनातनी भी बढ़ी है।
उच्च ब्याज दर मजबूत अर्थव्यवस्था से जुड़ा होता है। उच्च दरें निवेश को बढ़ावा देती है। लेकिन अभी ब्याज दरें अभी काफी कम है। फेडरल रिजर्व बैंक के अध्यक्ष जनेट येलेन ने हाल ही में कहा था कि भविष्य में बेहतरी के आसार दिख रहे हैं लेकिन ब्याज दरें फिर भी कम रहेगी।