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टारगेट पूरा करने के लिए नशीला पदार्थ खिलाकर 10 मजदूरों की करा दी नसबंदी

जनसंख्या वृद्धि रोकने के सरकारी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे एक एनजीओ ने टारगेट पूरा करने के लिए 10 मजदूरों को नशीला पदार्थ खिलाकर उनकी नसबंदी करा दी। होश में आने पर मजदूरों को इसका पता चला।
मजदूरों ने गाजीपुर थाना में शिकायत की है। इंस्पेक्टर गिरजा शंकर पांडेय का कहना है कि शिकायत की जांच की जा रही है।

शिव कुमार ने बताया कि वह पॉलीटेक्निक चौराहा पर मजदूरी करता है। कुछ दिन पहले गोमतीनगर में एक एनजीओ के ऑफिस से आए लोगों ने संपर्क किया था।

21 जुलाई को एनजीओ के लोग आए और काम दिलाने का झांसा देकर उसे चंद्रिका देवी अस्पताल ले गए। यहां उसके साथ अन्य मजदूर भी थे। एनजीओ संचालकों ने सभी को कोल्डड्रिंक पिलाई।

होश में आते ही दस्तखत करा एक हजार थमाए

शिव कुमार के मुताबिक कोल्डड्रिंक पीते ही वह और अन्य मजदूर बेहोश हो गए। कुछ देर बाद होश आया तो एनजीओ संचालकों ने सादे कागज पर अंगूठा लगवाकर उन्हें एक-एक हजार रुपये थमा दिए।

डॉक्टरों ने बताया नसबंदी हुई है
शिव कुमार चलने लगा तो उसे कुछ परेशानी हुई। पूछने पर डॉक्टरों ने बताया कि उसकी नसबंदी कर दी गई है। यह सुनते ही शिव कुमार व अन्य मजदूरों के होश उड़ गए। उसने एनजीओ संचालकों के खिलाफ गाजीपुर थाना में शिकायत की है।

टारगेट पूरा करने के लिए एनजीओ की करतूत
पुलिस के मुताबिक एनजीओ के कर्मचारियों से भी संपर्क किया गया है। उनका कहना है कि एनजीओ के पास सरकार से जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए नसबंदी का प्रोजेक्ट मिला है। उसके तहत यह काम किया गया। हालांकि, मजदूरों का कहना है कि जबरन नसबंदी कराने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है।

 

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