Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

जीवन का उपयोगी संदेश देता है शिव परिवार

भगवान शिव की भक्ति शिवरात्रि के दिन विशेषतौर पर की जाती है। भगवान शिव अपने श्रद्धालुओं को विशेष पुण्यफल प्रदान करते हैं। मगर भगवान शिव और उनके परिवार से बहुत कुछ सीखा जा सकता है जो कि जीवन के लिए उपयोगी होता है। भगवान शिव की उपासना करना पूर्णता को दर्शाता है। साथ ही भगवान शिव का वाहन नंदी है। जबकि श्री गणेश जी का वाहन मूषक, भगवान कार्तिकेय का वाहन मोर है तो माता जी सिंह पर आरूढ़ होती हैं। ऐसे में ये पशु एक दूसरे का भक्षण कर जीवन चक्र चलाते हैं इसके बाद भी शिव के परिवार में इन्हें दर्शाया गया है।

दरअसल भगवान जीवन में विविधताओं और समस्याओं के बाद भी जीवन जीने और कई तरह के विचारों वाले लोगों के बीच जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं। भगवान शिव ने समुद्रमंथन के दौरान हलाहल विष का पान कर इसे अपने कंठ में स्थान दिया था। जबकि इस विषपान के पहले हलाहल के प्रभाव से प्रकृति जलने लगी थी। यह संदेश है कि भगवान शिव की ही तरह जीवन में समस्याओं को सहन करते हुए हमें अच्छे और भलाई के कार्य भी करने चाहिए।

शिव के प्रतीक और पूजन में रूद्राक्ष पहना जाता है। इसका जीवन में बड़ा महत्व है। रूद्राक्ष की माला की तरह सभी से आपस में जुड़े रहने की कामना भी की जाती है। भगवान शिव थोड़े से में ही भक्तों के भाव से प्रसन्न हो जाते हैं ऐसे में भगवान शिव संतुष्टि रखने का मंत्र भी प्रदान करते हैं। भगवान शिव की साधना शिवरात्रि पर करने से बेहद पुण्यलाभ मिलता है। यदि आपको संतान प्राप्ति की इच्छा हो तो शिवलिंग पर घी समर्पित कर फिर जल चढ़ाना चाहिए।

यदि शीघ्र विवाह की कामना हो तो शिवलिंग पर 108 बिल्वपत्र चढ़ाकर भगवान शिव के ऊॅं नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। यही नहीं इसके बाद जल चढ़ाना चाहिए। मनोकामना सिद्धि के लिए शिवलिंगा जल, दूध, दही, शहद, शकर, घी युक्त पंचामृत से अभिषेक कर फिर जल चढ़ाना चाहिए।