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…जिस आग को माना साक्षी उसी ने दम्पत्ति की जिंदगियां भक्षीं

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
रामाधार व श्याम कली ने एक-दूसरे को अपना जीवन साथी चुना था और फेरे के वक्त आग को साक्षी मानकर साथ जीने-मरने की कसम भी खाई थीं। अब इसे इत्तेफाक कहें या दुर्घटना लेकिन जिस आग को साक्षी मानकर दोनों ने कसम खाई थी वही आग उनके प्यार की बढ़ती कहानी को जला डाला। गुरुवार की रात दोनों एक साथ कमरे में सोए थे। अचानक पास चल रही ढिबरी गिर गई। जब तक दोनों जान पाते आग ने उन्हें अपनी आगोश में ले लिया। पत्नी की मौके पर मौत हो गई वहीं पति ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के वास्ते भेज दिया है। 
जानकारी के अनुसार, खीरी थाना क्षेत्र के ग्राम देवरिया निवासी संपत (30) पुत्र रामधार शुक्ल अपनी पत्नी श्याम कली (28) के साथ के साथ शुक्रवार की रात अपने कमरे में सो रहे थे। कमरे में उजाले के लिए ढिबरी जल रही थी। देर रात अचानक ढिबरी गिर गई और उससे कमरे में आग लग गई। इससे पहले कि सो रहे दम्पत्ति कुछ समय पाते आग ने दोनों को अपनी आगोश में ले लिया। आग लगते ही दोनों चीखने लगे। यह सुनकर घर के लोग जा गए। कमरे के भीतर आग की लपटें देख सभी दरवाजा खोलने की कोशिश करने लगे लेकिन दरवाजा अंदर से बंद होने की वजह से नहीं खुल सका। तब घर के लोगों ने दरवाजे को तोड़ डाला। संपत को आग की लपटों में घिरा देख वृद्धा मां मनोरमा (60) उसे बचाने का प्रयास करने लगी लेकिन बुरी तरह से झुलस गई। जैसे-तैसे आग को बुझाया गया। लेकिन तब तक श्यामकली की मौत हो चुकी थी। 
परिवारीजनों ने सूचना देकर एम्बुलेंस का बुलाया। झुलसे संपत व मां श्यामकली को नकहा सीएचसी लाया गया। वहां दोनों की हालत गंभीर देख चिकित्सकों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। इस बीच एम्बुलेंस में खराबी हो गई। उसे सुधरवाने में देरी हो गई। जब तक दोनों को जिला अस्पताल लाया जाता संपत ने भी रास्ते में दम तोड़ दिया। मां का इलाज जारी है। जानकारी मिलने पर पहुंची खीरी थाना पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। 

जाको राखे साइयां मार सके न कोय

संपत व श्यामकली के बच्चे वैसे तो मां-बाप के साथ लेटते थे। लेकिन गुरुवार को संपत की साली यानी बच्चों की मौसी घर आई। दोनों ही बच्चे पूरा दिन मौसी के साथ हंसते-खेलते रहे। रात हुई तो मौसी बच्चों को लेकर छत पर सोने चली गई। जब रात को हादसा घटा तब बच्चे मौसी के ही साथ छत पर सो रहे थे। मौसी के आ जाने से दोनों की जान बच गई। 

पेट्रोल से लिया आग ने विभत्सय रूप

संपत अपनी बाइक में डालने के लिए एक पिपिया में दो लीटर पेट्रोल लेकर आया था। रात जब आग लगी तो आग की लपटों से पिपिया भी जलने लगे। जैसे ही आग पेट्रोल के सम्पर्क में आई तो आग ने और भी विभत्स्य रूप ले लिया। 

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