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जानिए स्वाइन फ्लू के लक्षण-कारण और बचाव

स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए दवा से ज्यादा बचाव कारगर होता है। स्वाइन फ्लू का खतरा मधुमेहहृदयरोगअस्थमा ग्रस्त और कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले,खासकर बुजुर्गो में ज्यादा होता है।

  •  कैसे फैलता है

स्वाइन फ्लू आम सर्दी-जुकाम के जैसा होता है। इसके लक्षणों में खांसीगले पकना,बुखारसिर दर्दकंपकंपी और थकान आदि शामिल हैं। इससे पीड़ित मरीज खांसी या छीक से इसका संक्रमण हवा में फैला सकते हैं। जब कोई व्यक्ति इन संक्रमित बूंदों के संपर्क में या संक्रमित दीवारोंदरवाजोंनलोंसिंकफोनकीबोर्ड को छूता है तो संक्रमण फैलता है

  • बच्चों और बुर्जुगों के लिए खतरनाक 

स्वाइन फ्लू के मरीजों की विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है। जिन बच्चों की उम्रसाल के कम हैखास कर जिनकी उम्र साल से कम है और जिनकी उम्र 65 साल या उससे ज्यादा है या गर्भवती महिला हैंउनका ज्यादा खयाल रखने की जरूरत है।

  • बचाव ही इलाज

इसके संक्रमण से बचने के लिए संक्रमित व्यक्ति या खांसने/छीकने वाले व्यक्ति से तीन फुट का फासला रखें। खांसी/छींक आने पर पीड़ित व्यक्ति को मुंह और नाक को टीशू पेपर से ढंक लेना चाहिए और उस टिश्यू पेपर का तुरंत निपटान कर देना चाहिए। 

  •  जागरूकता फैलाना जरूरी

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा करवाए गए हालिया शोध में पाया गया कि76 प्रतिशत बच्चों को खांसते वक्त अपनाए जाने वाले बचाव के उपाय के बारे में जानकारी ही नहीं थी। 

  •  क्या कहते हैं आकंडें 

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिकस्वाइन फ्लू से इस साल मार्च तक 2,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और इससे पीड़ित कुल मामलों की संख्या 33,000 के आंकड़ें को पार कर सकती है। राजस्थान और गुजरात इससे अत्यधिक प्रभावित राज्य हैं।

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