नई दिल्ली : जाकिर नाईक ने प्रवर्तन निर्देशालय को एक एडॉवोकेट के जरिये एक और लेटर भेज कर डर जताया है। उसे डर है आमिर गजधर की गिरफ्तारी के बाद अगर वो भारत आकर प्रवर्तन निर्देशालय के सामने बयान देने के लिए पेश हुआ तो उसे भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
– जाकिर नाइक के मुताबिक जिस ट्रांसेक्शन और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निर्देशालय उससे पूछताछ करना चाहती है वो पहले से ही एन. आई. ए. के पास मौजूद है।
– जाकिर नाइक द्वारा प्रवर्तन निर्देशालय को भेजे गए इस लेटर में कहा गया कि जांच एजेंसी कोर्ट को मिस गाइड कर रही है कि जाकिर नाईक इन्वेस्टीगेशन में कॉप्रेट नहीं कर रहा जबकि खुद जाकिर नाईक ने इन्वेस्टीगेशन में रोशनी डालने के लिए और मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना पछ रखने के सामने से पेशकश की है।
-खासतौर पर तब जब प्रवर्तन निर्देशालय को पता है कि जाकिर नाइक एक एनआरआई है और उसे सही क़ानूनी तरीके से समन नहीं भेजा गया है।
– वकील के जरिये भेजे गए इस जवाब में ये भी कहा गया कि जाकिर नाइक के वकील के मार्फ़त प्रवर्तन निर्देशालय को इन्वेस्टीगेशन के लिए जिन दस्तावेजों की जरुरत है वो ईमेल के जरिए भेज दिए गए है। इसके अलावा जब-जब जो- जो सवाल और दस्तावेज प्रवर्तन निर्देशालय को जरुरत होगी वो जाकिर नाइक के तरफ से ईमेल, फ़ोन के जरिए या विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुहैया कराए जा सकते है। इसके अलावा जरुरत पड़ने पर जाकिर नाइक लिखित बयान भी प्रवर्तन निर्देशालय को दे सकते है।