इससे पहले जस्टिन ट्रूडो के सम्मान में मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में खालिस्तानी आतंकी के मौजूद रहने पर विवाद खड़ा हो गया था. मामला इतना बढ़ा कि इस विवाद पर खुद पीएम ट्रूडो ने सफाई दी. जसपाल अटवाल नाम का खालिस्तानी आतंकी पीएम ट्रूडो के मुंबई के कार्यक्रम में शामिल था. अटवाल ने 1986 में वैंकूवर आईलैंड में पंजाब के कैबिनेट मंत्री मलकियत सिंह सिद्धू पर जानलेवा हमला किया था. इस मामले में उसे दोषी भी ठहराया जा चुका है.

हैरानी की बात ये है कि अटवाल को दिल्ली और मुंबई में होने वाले कार्यक्रमों के लिए न्योता दिया गया था. मुंबई में हुए कार्यक्रम में तो वह शामिल भी हो गया, लेकिन मामला तूल पकड़ने के बाद दिल्ली वाले डिनर कार्यक्रम से उसे अलग कर दिया गया. अपने कार्यक्रम में अटवाल की मौजूदगी पर सफाई देते हुए ट्रूडो ने कहा कि हम अतिवादियों को गंभीरता से लेते हैं. ऐसे शख्स को कार्यक्रम के लिए न्योता ही नहीं मिलना चाहिए था. जैसे ही हमें इस बारे में सूचना मिली, हमने न्योता रद्द कर दिया.