काबुल अफगानिस्तान के नॉर्थ में मजार-ए-शरीफ शहर में जर्मन कॉन्सुलेट पर फिदायीन हमला हुआ। इसमें 2 लोगों की मौत हो गई।
हमले में 100 से ज्यादा लोकल लोग जख्मी भी हुए हैं। जर्मनी की फॉरेन मिनिस्ट्री ने कहा है कि हमले में कॉन्सुलेट के किसी स्टाफ को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, हमला बीते गुरुवार देर रात हुआ। घायलों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
- लोकल पुलिस चीफ सैयद कमाल सादात ने बताया- “फिदायीन हमलावर ने विस्फोटकों से भरी एक कार को कॉन्सुलेट की इमारत की दीवार से भिड़ा दिया।”
- पॉट्सडैम में जर्मन सेना की ज्वाइंट आर्मी कमांड के स्पोक्सपर्सन ने कहा कि ब्लास्ट के बाद वहां गोली चलने की आवाजें भी सुनाई दीं।
- रॉयटर्स ने नाटो स्पोक्सपर्सन के हवाले से बताया है कि जर्मन कॉन्सुलेट पर 2 कार बम अटैक हुए, जिससे कॉन्सुलेट की दीवार को भारी नुकसान पहुंचा है।
- हॉस्पिटल के एक ऑफिशियल ने कहा- “हमले में घायल हुए कई लोकल लोगों की हालत गंभीर है।”
- जर्मन ब्रॉडकास्टर डॉयचे वेले ने बताया कि इस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है।
- तालिबान ने जर्मन कॉन्सुलेट पर हमले को बदले की कार्रवाई बताया है।
- तालिबान ने कहा – “हिंसाग्रस्त कुंदुज में अमेरिकी अलायंस वाली सेना ने इस महीने की शुरुआत में एयर अटैक किया था, जिसमें 32 लोगों की मौत हो गई थी। यह हमला उसी का बदला है।”
- उज्बेकिस्तान के बॉर्डर से सटा मजार-ए-शरीफ अफगानिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। शहर के बाहर नाटो का एक कैम्प है, जिसकी कमान जर्मनी के हाथों में है।
- नाटो के स्पोक्सपर्सन के मुताबिक, गठबंधन सेना इस फिदायीन हमले की जांच कर रही है।
- बता दें कि अफगानिस्तान का मजार-ए-शरीफ शहर पहले भी तालिबान के निशाने पर रहा है।
- मजार-ए-शरीफ में जर्मन कॉन्सुलेट पर हुए हमले के बाद जर्मनी की फॉरेन मिनिस्ट्री ने इमरजेंसी टास्क फोर्स की मीटिंग की है।