न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहड़ देश के अगले प्रधान न्यायाधीश होंगे। न्यायमूर्ति खेहड़ पहले सिख प्रधान न्यायाधीश होंगे। अगले वर्ष चार जनवरी को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी उन्हें प्रधान न्यायाधीश की शपथ दिलाएंगे।
उनका कार्यकाल अगले वर्ष चार जनवरी से चार अगस्त, 2017 तक रहेगा। न्यायमूर्ति खेहड़ फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में वरीयता क्रम में दूसरे क्रम पर है। प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति वरीयता के आधार पर होती है।
28 अगस्त 1952 में जन्मे न्यायमूर्ति खेहड़ ने वर्ष 1974 में चंडीगढ़ से स्नातक की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने एलएलएम भी किया। उन्होंने एलएलएम में प्रथम स्थान हासिल किया था।
वर्ष 1979 से उन्होंने वकालत की शुरुआत की। वह मुख्य तौर पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करते थे। आठ फरवरी, 1999 में उन्हें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया।
नवंबर, 2009 को वह उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनाए गए। इसके बाद वह कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने। सितंबर, 2011 में वह सुप्रीम कोर्ट के जज बने।
मालूम हो कि न्यायमूर्ति खेहड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने ही राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) को निरस्त कर दिया था।
28 अगस्त 1952 में जन्मे न्यायमूर्ति खेहड़ ने वर्ष 1974 में चंडीगढ़ से स्नातक की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने एलएलएम भी किया। उन्होंने एलएलएम में प्रथम स्थान हासिल किया था।
वर्ष 1979 से उन्होंने वकालत की शुरुआत की। वह मुख्य तौर पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करते थे। आठ फरवरी, 1999 में उन्हें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया।
नवंबर, 2009 को वह उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनाए गए। इसके बाद वह कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने। सितंबर, 2011 में वह सुप्रीम कोर्ट के जज बने।
मालूम हो कि न्यायमूर्ति खेहड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने ही राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) को निरस्त कर दिया था।