Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

छोटे निर्यातकों को GST में मिली बड़ी राहत : अरुण जेटली

 वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत छोटे निर्यातकों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। अब ऐसे निर्यातकों को निर्यात करते वक्त बांड और बैंक गारंटी देने के बजाय सिर्फ एक लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलयूटी) देना होगा। इस बारे में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बीते बुधवार की रात अधिसूचना जारी कर दी है।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने छोटे निर्यातकों को राहत देने से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। हालांकि इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि एलयूटी की सुविधा उन्हीं निर्यातकों के मिलेगी, जो ढाई करोड़ रुपये या इससे ज्यादा की कर चोरी के आरोप में दंडित नहीं किए गए हों। 

उल्लेखनीय है कि जीएसटी प्रणाली लागू होने के बाद से ही निर्यातक, खास कर छोटे निर्यातक ड्यूटी के मसले पर आंदोलित हैं। इसी मसले पर पिछले सप्ताह निर्यातकों ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी मुलाकात की थी। उस दौरान उन्होंने बताया कि था कि छोटे निर्यातकों को बांड एवं बैंक गारंटी जमा करने से काफी दिक्कत हो रही है और उसे कार्यशील पूंजी के साथ-साथ बैंक गारंटी के लिए भी बाजार से ऋण लेना पड़ रहा है। उसी के बाद वित्त मंत्री ने कहा था कि निर्यातकों की जायज मांग मानी जाएगी।

छोटे निर्यातको को होगा फायदा
जीएसटी मामलों के विशेषज्ञ चार्टर्ड अकाउंटेंट तथा डीएसपी एसोसिएट्स के पार्टनर अतुल जैन का कहना है कि इस फैसले से एक करोड़ रुपये से कम का निर्यात करोबार करने वाले छोटे निर्यातकों को काफी राहत मिलेगी। इससे पहले तक निर्यात करने के लिए उन्हें बांड के साथ साथ बैंक गारंटी भी देनी पड़ती थी। इन सब कार्य में समय और श्रम लगता ही था, उचित धनराशि का भी इंतजाम करना पड़ता था।

शुक्रवार को जीएसटी परिषद की 22वीं बैठक
इसी बीच सरकार ने शुक्रवार, छह अक्तूबर 2017 को ही जीएसटी परिषद की 22वीं बैठक नई दिल्ली में आयोजित करने का फैसला किया है। पहले निर्णय हुआ था कि परिषद की 22वीं बैठक 24 अक्तूबर को अयोजित की जाएगी। मतबल इसका अयोजन समय से 18 दिन पहले हो रहा है। बताया जाता है कि इस बैठक में इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स (आईजीएसटी) रिफंड पर महत्वपूर्ण फैसला लिया जा सकता है।

इससे पहले बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी की अध्यक्षता में जीएसटी नेटवर्क पर बने मंत्रियों के समूह की दूसरी बैठक हो चुकी है। इसमें जीएसटीएन की दिक्कतों पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई है। इसकी पहली बैठक बीते 16 सितंबर को हुई है। उल्लेखनीय है कि सुशील मोदी के नेतृत्व वाले पांच सदस्यीय मंत्री समूह का गठन जीएसटी नेटवर्क पर तकनीकी खामियों की देखरेख के लिए किया गया है। साथ ही उनको यह जिम्मा भी दिया गया है कि वो सभी हितधारकों और इसके वेंडर (इंफोसिस) को उचित परामर्श भी दें।