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चैंपियंस ट्रॉफी के लिए इन युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर होगी पूरी दुनिया की नज़र

xchampions-trophy-icc-2017-14-1494757682-jpg-pagespeed-ic-pbg-xlwsh7-23-1495538079क्रिकेट प्रेमियों के बीच मिनी विश्वकप के रूप में विख्यात चैंपियंस ट्रॉफी के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है।1 जून को इसकी शुरुआत होनी है और अब तकरीबन इसमें एक सप्ताह का वक्त बचा है। आठ टीमों के बीच होने वाली जंग में सबका ध्यान स्टार खिलाड़ियों पर होगा लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिनके करियर का यह पहला बड़ा टूर्नामेंट है। आईए ऐसे ही कुछ युवा खिलाड़ियों पर नजर डालते हैं जिनका जलवा चैंपियंस ट्रॉफी में देखने को मिलेगा। 

कगीसो रबाडा(दक्षिण अफ्रीका), 21 वर्ष

कगीसो रबाडा की उम्र महज 21 साल है लेकिन इतनी कम उम्र में वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे हैं। गेंद को स्विंग कराने की अद्भुत क्षमता, तेजी, सटीक यॉर्कर और सही दिशा में फेंकी गई बाउंसर उन्हें अपनी उम्र के गेंदबाजों से अलग खड़ा करती है। ये सभी खूबियां उन्हें दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजी आक्रमण का प्रमुख अस्त्र बनाती हैं।

दुनिया को रबाडा की पहली झलक साल 2014 में हुए अंडर-19 विश्वकप में दिखाई दी थी। रबाडा ने सेमीफाइनल में 25 रन पर ऑस्ट्रेलिया के 6 खिलाड़ियों को पवेनियन भेजकर सुर्खियाां बटोरी थीं। पांच मैचों में 14 विकेट लेकर वह टूर्नांमेंट के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज थे। 

फिलहाल वह अपनी टीम के सबसे प्रमुख गेंदबाज हैं। बांग्लादेश के खिलाफ 16 रन पर 6 विकेट लेकर डेब्यू मैच में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का रिकॉर्ड बनाया था। इस दौरान वह अपने डेब्यू मैच में हैट्रिक लेने वाले दुनिया के दूसरे गेंदबाज भी बने। इससे पहले यह कारनामा बांग्लादेश के ताजुल इस्लाम ने किया था। 

मिचेल सेंटनर, न्यूजीलैंड, 25 

बांए हाथ के 25 वर्षीय कीवी बल्लेबाज मिचेल सेंटनर हाल के दिनों में न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम का अभिन्न हिस्सा बनकर उभरे और डेनियल विटोरी के साए से बाहर निकले। पदार्पण से लेकर अब तक ये गेंदबाज 15 टेस्ट, 32 वनडे और 14 टी-20 मैच खेल चुके हैं। भारत में साल 2016 में खेले गए टी-20 विश्वकप में सेंटनर ने शानदार प्रदर्शन कर पूरी दुनिया को अपनी तरफ आकर्षित किया। नागपुर में भारत के खिलाफ खेले गए मैच में कीवी टीम 20 ओवर में केवल 126 रन पर ढेर हो गई थी। इसके बाद सेंटनर ने अपनी शानदार गेंदबाजी(4/11) के बल पर टीम इंडिया को 18.1 ओवर में समेटने में मुख्य भूमिका अदा की थी। इसके बाद वह गेंद और बल्ले दोनों से कमाल दिखाया। उनकी तेजी से रन बनाने की क्षमता के कारण वो टीम का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं।

बाबर आजम, पाकिस्तान 

क्रिकेट खिलाड़ियों के परिवार से ताल्लुक रखने वाले पाकिस्तानी बल्लेबाज बाबर आजम ने साल 2015 में जिंबाब्वे के खिलाफ लाहौर में अपना वनडे डेब्यू किया था। इस दौरान अपने घर में उन्होंने 60 गेंद में 54 रन की पारी खेली थी। 

उस वक्त तक वह साल 2012 में पाकिस्तान की अंडर-19 क्रिकेट टीम की  कप्तानी कर चुके थे। उस विश्वकप में वह पाक की ओर से सबसे ज्यादा 287 रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। उनका औसत 57.40 था। उनका नाम सर विवियन रिचर्ड्स, केविन पीटरसन, जॉनेथन ट्रॉट और क्विंटन डी कॉक के साथ वनडे में सबसे तेज 1 हजार रन बनाने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। उनके वनडे करियर को उड़ान साल 2016 में  वेस्टइंडीज के खिलाफ यूएई में मिली जब लगातार तीन मैचों में उसने शतक जड़ा और अपनी टीम को 3-0 से जीत दिलाई। इसके बाद उन्हें मैन ऑफ द सीरीज भी घोषित किया गया।

मुस्तफिजुर रहमान, बांग्लादेश 

बांग्लादेश की गेंदबाजी के इस नायाब हीरे के बारे में कुछ भी कहना कम होगा। वह उन खिलाड़ियों में शुमार है जो हमेशा आगे देखकर चलते हैं। साल 2015 में भारत के खिलाफ घरेलू सीरीज में शानदार शुरुआत करने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। उसके बाद वो लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ते चले गए। भारत के खिलाफ दो बार पांच विकेट लेकर मुस्तफिजुर ने अपनी टीम को भारत के खिलाफ पहली सीरीज जीत दिलवाई। 

21 वर्षीय बांग्लादेशी के अंदर अभी बहुत क्रिकेट बाकी है। आने वाले कई वर्षों तक यदि वह चोटिल नहीं होते हैं तो कई रिकॉर्ड अपने नाम कर लेंगे। आज उनके जो रिकॉर्ड हैं उन्हें देखकर तो ऐसा ही लगता है कि वो लंबी रेस का घोड़ा साबित होंगे। 

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