Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

चीनी मिल पर दर्ज मुकदमे में जांच के लिए मिल पहुंची पुलिस

देव श्रीवास्तव/लखीमपुर-खीरी|

  • ग्रामीणों की शिकायत पर गोविंद शुगर चीनी मिल ऐरा पर दर्ज केस के मामले में ईसानगर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। मंगलवार को चीनी मिल पहुंची पुलिस की टीम ने की गई शिकायत के पर बारीकी से जांच की। साथ ही तमोलीपुर गांव के ग्रामीणों के बयान दर्ज किए व शीरायुक्त पानी की सैम्पलिंग भी कराई।
  • गोविंद शुगर चीनी मिल ऐरा पिछले एक माह से मिल की एरिया से सटे गांव तमोलीपुर की तरफ  मोटर पम्पों से शीरायुक्त पानी निकाल रहा था। बदबूदार पानी से जहां गांव में बीमारी फैल गई वहीं किसानों की करीब पचास एकड़ जमीन पर लगी फसलें भी नष्ट हो गईं। इसकी शिकायत पर ईसानगर थाने में सोमवार को मुकदमा दर्ज हुआ था।
  • मंगलवार को एसओ ईसानगर आलोकमणि त्रिपाठी के निर्देशन में सब इंस्पेक्टर रामशरन पांडे, कांस्टेबल वशिष्ट पांडे ने चीनी मिल में मुकदमें की प्रारंभिक जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस ने चीनी मिल के शीरा प्लांट समेत मोटर पम्पों से निकाले गए शीरे के पानी को भी देखा व मिल परिसर के पानी का भी सैम्पल लिया।
  • इसके बाद तमोलीपुर गांव जाकर रमांशकर पुत्र लालता प्रसाद, मिश्रीलाल पुत्र रामपाल के घरों से पीने युक्त पानी का सैम्पल भी लिया। गांव में शीरे से फैली बीमारियों की गहन पड़ताल के बाद पुलिस ने त्रिभुवन, लालता प्रसाद, मिश्री लाल, सुरेश,  विशंभर, सप्फू, अनिल, मनोज, रमाशंकर, प्रमोद, पृथ्वी पाल, कौशल व अनिल सहित दर्जनों बीमार लोगों के इलाज के पर्चे भी जांच रिपोर्ट में लगाए। ग्रामीणों ने बताया कि वह मिल के खिलाफ  कोर्ट में एक जनहित याचिका भी डालेंगे।
  • जांच के दौरान ग्रामीणों ने मिल के पानी से फसलों के नुकसान होने के बयान भी दर्ज कराए। इसके अलावा पुलिस ने खेतों में भी भरे पानी का सैम्पल को भरा है। 
  • इस बावत थानाध्यक्ष ईसानगर इंस्पेक्टर आलोक मणि त्रिपाठी ने बताया कि मुकदमे में प्रारंभिक जांच के दौरान कई जगहों से पानी का सैम्पल भरा गया है जो जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। रिपोर्ट आने पर धाराएं बढ़ाई जाएंगी। साथ ही तत्काल गांवों की तरफ बहाए जा रहे शीरे युक्त पानी को रोकने के आदेश दिए हैं।
  • जबकि इस दौरान अगर कोई जनहानि होती है तो मिल के जिम्मेदार लोगों को जेल भेजा जाएगा। जबकि पूरे मामले में कठोर कार्रवाई व पारदर्शिता बरती जाएगी। जिससे लोगों को इंसाफ मिल सके।