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चिकनगुनिया हो जाए तो क्या करें

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मच्छर के काटने के बाद तीन से सात दिन के अंदर व्यक्ति में चिकनगुनिया के लक्षण दिखाई देते हैं। चिकनगुनिया में अचानक से आ जाने वाले बुखार के साथ जोड़ों में दर्द महसूस होता है।

आजकल अचानक होने वाले तेज़ बुखार के पीछे डेंगू के साथ-साथ चिकनगुनिया भी खूब फैल रहा है। चिकनगुनिया शरीर को काफी कमजोर कर देता है, लेकिन यह जानलेवा बुखार नहीं है। काफी समय से चिकनगुनिया फैलने के बावजूद अब भी काफी लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है।  चिकनगुनिया में अचानक से आ जाने वाले बुखार के साथ जोड़ों में दर्द महसूस होता है। इसके अलावा सिर दर्द, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द, उबकाई आने जैसा महसूस होना, थकान, त्वचा पर लाल चकत्ते जैसे लक्षण उभरते हैं। इसमें बुखार तो मात्र 5 से 7 दिन चलता है, लेकिन बाद में महीनों तक जोड़ों का दर्द बना रहता है।

  •  चिकनगुनिया का कारण

चिकनगुनिया भी उसी मच्छर के काटने से होती है, जो जीका और डेंगू के लिए ज़िम्मेदार है, यानी मादा एडिस मच्छर। इसका विषाणु ठीक वैसे ही लक्षण पैदा करता है जिस प्रकार डेंगू रोग में होते हैं।

  •  जांच

चिकनगुनिया का पता ब्लड टेस्ट और कुछ ज़रूरी चिकित्सा परीक्षाओं से किया जा सकता है, जिसमें सेरोलॉजिकल और विरोलॉजिकल टेस्ट शामिल हैं। लेकिन चिकनगुनिया के महंगे टेस्ट करवाने से बेहतर हैं बुखार के शुरुआती चार दिन के अंदर डेंगू का टेस्ट एनएस1 एंटीजन करवा लें। 

  • चिकनगुनिया का इलाज

इस बीमारी के लिए कोई भी औषधि, टीका या इलाज नहीं है। चिकनगुनिया का मच्छर पूरा दिन सक्रिय रहता है, ख़ासतौर से सुबह और दोपहर में। इसलिए खुली जगहों पर जाने से बचें, जहां मच्छर ज़्यादा हो। अपनी शरीर पर मच्छर को दूर भगाने वाले उत्पाद या रात को सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। डॉक्टर की सलाह से समय-समय पर टीकें लगवाएं।

  • कुछ खास बातों का ध्यान रखें:-

  • पेय पदार्थ को ज़्यादा से ज़्यादा अपने आहार में शामिल करें।
  • मच्छरों द्वारा काटे जाने से बचें, क्योंकि मच्छर आपको काटने के बाद आपके शरीर का इंफेक्शन दूसरे व्यक्ति के शरीर को भी संक्रमित कर सकता है।
  • बुखार और जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए पैरासिटामॉल लें।
  • घर पर आराम करें और अपने नज़दीकी डॉक्टर से सलाह लें।
  • जब तक यह तय न हो जाए कि यह डेंगू नहीं है, एस्प्रिन और दूसरे नॉन-स्टीरॉयडल एंटी इनफ्लेमेट्री दवाएं न लें।
  • घर में और आसपास के क्षेत्रों में साफ-सफाई का खास ध्यान रखें और पानी इकट्ठा न होने दें।

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