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लखीमपुर-खीरी:गोष्ठी कर सीएमओ ने दी डेंगू से बचाव पर जानकारी

देव श्रीवास्तव|

लखीमपुर-खीरी।
राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर सीएमओ आफिस में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने की। गोष्ठी में डेंगू से बचाव के बारे में अधीनस्थों को जानकारी दी गई। साथ ही इस जानकारी को जन-जन तक पहुंचाने को कहा गया। 
  • 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस के रूप में जाना जाता है। इस दिवस पर जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से एक गोष्ठी सीएमओ आफिस में आयोजित की गई। डेंगू से बचाव व उसके फैलने के कारणों पर इस गोष्ठी में विस्तृत जानकारी अधीनस्थों को दी गई। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए सीएमओ डा. मनोज अग्रवाल ने बताया कि हर नागरिक को रविवार मच्छरों पर वार कर मनाना चाहिए।

डेंगू से बचाव का सीधा तरीका

  • मच्छरों से फैलने वाली बीमारी डेंगू से बचाव का सीधा तरीका यही है कि मच्छरों को आस-पास पनपने न दिया जाए। डेंगू फैलाने वाला मच्छर रुके हुए साफ पानी में पनपता है। इसीलिए कूलर, पानी की टंकी, पशुओं के पीने के पानी के बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन, टायर, डिस्पोजल बर्तन  व गिलास आदि में पानी न जमा होने दें। अपने घर के आस-पास सफाई रखें। पानी से भरे बर्तन व टंकियों को ढक कर रखें।
  • प्रत्येक सप्ताह कूलर को खाली कर व सुखाकर फिर से प्रयोग करें। डेंगू मच्छर दिन में काटता है इसलिए ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर को ढक कर रखें। मच्छर रोधी क्रीम, क्वाईल, रिपेलेंट आदि का प्रयोग करें। उन्होंने यह भी बताया कि डेंगू के उपचार के लिए कोई खास वैक्सीन नहीं है। बुखार उतारने के लिए पैरासीटामाल ले सकते हैं। डिस्प्रिन और बूफैन का इस्तेमाल डाक्टरों की सलाह के बाद करें। डेंगू के हर रोगी को प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं पड़ती। 

डेंगू के लक्षण  

  • मलेरिया अधिकारी एसके वर्मा ने डेंगू के लक्षणों को बताते हुए कहा कि अचानक तेज सिरदर्द व बुखार होना, मासपेशियों व जोड़ों में दर्द होना, आंखें के पीछे दर्द होना, जी मिचलाना व उल्टी होना तथा गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना अथवा त्वचा पर चकत्ते उभरना शामिल है।
  • एपीडिमिक डा. पूनम सिंह ने बताया कि डेंगू से डरने की आवश्यकता नहीं है। जरूरत है कि हम और आप जागरुक रहें। हर वर्ग के व्यक्ति को अपने घर के आस-पास स्वयं सफाई रखनी चाहिए जिससे वह और उसका परिवार डेंगू से सुरक्षित रहे। लक्षण मिलने पर प्रशिक्षित डाक्टर से सलाह अवश्य लें। अनावश्यक किसी भी दवा का प्रयोग न करें। इस दौरान बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।