लखनऊ:
बाबा राघवदास मेडिकल कालेज गोरखपुर में 01.08.2017 से 11.082017 के बीच करीब सत्तर मासूमों की इरादतन हत्या की गई है क्योंकि कालेज के प्राचार्य सहित सरकार के सभी मंत्रियों, सचिवों और उच्च-अधिकारियों को इस तथ्य की जानकारी थी कि इंसेफ्लाइटिस विभाग में लिक्विड आक्सीजन आवश्यकता के अनुरूप उपलब्ध नहीं है इसके बावजूद मासूम बच्चों की जान को जानबूझकर जोखिम में डाला गया| यह बात AFT बार एसोसिएशन ने पुलिस अधीक्षक को दिए तहरीर में कही.
एसोसिएशन ने आरोप लगते हुए कहा कि मुख्यमंत्री से लेकर जिले के जिलाधिकारी तक को इस बात की जानकारी थी कि मेडिकल कालेज् में लिक्विड आक्सीजन का आभाव है, वहां के डाक्टर प्राईवेट प्रैक्टिस करते हैं एवं अस्पताल के मेडिकल उपकरणों का उपयोग व्यक्तिगत लाभ के लिए चला रहे डिस्पेंसरियो में करते हैं बावजूद इसके उन्होंने न तो इन गैर-क़ानूनी गतिविधियों पर रोंक लगाई और न ही लोगों को आगाह किया कि मेडिकल कालेज, गोरखपुर के इंसेफ्लाइटिस विभाग में अपने बच्चों को भर्ती न कराएँ |
CAG ने पहले ही किया था आगाह
सी.ए.जी. का हवाला देते हुए एसोसिएशन ने कहा कि रिपोर्ट न. 2 वर्ष 2017 में ही उ.प्र.सरकार के मुख्यमंत्री,मंत्री और सचिवों को इस बात की जानकारी दे दी थी की, बाबा राघव दास मेडिकल कालेज, गोरखपुर में गम्भीर अनियमितता, उपकरणों का आभाव, उपकरणों की देख-रेख और रखरखाव का अभाव, उपकरणों की आपूर्ति में जानबूझकर विलम्ब करना और आवश्यक स्टाफ की कमी इत्यादि जैसे जानलेवा कारण मौजूद है इसके बावजूद बच्चों को इलाज के लिए भर्ती कराने से रोंका नहीं गया l लोकतान्त्रिक पद्धति से चुनी गई सरकार द्वारा जानबूझकर बच्चों को मरने के लिए भर्ती होने दिया गया उन्हें न तो आगाह किया गया और न ही मेडिकल कालेज को आगाह किया गया कि आपके पास जितनी सुविधा है उसी के अनुसार बच्चों को भर्ती करें नहीं तो किसी प्रकार की अनहोनी घटना घटित होनी पर अस्पताल प्रशासन जिम्मेदार होगा| इससे यह प्रतीत होता है कि उत्तर-प्रदेश सरकार ने जानबूझकर बच्चों की इरादतन हत्या को कारित होने दिया और उसको मेडिकल कालेज ने अंजाम दिया l
दर्ज हो इरादतन हत्या का मुकदमा
बाबा राघवदास मेडिकल कालेज गोरखपुर के (प्राचार्य) राजीव कुमार मिश्रा, इंसेफ्लाइटिस विभाग में की गई हत्या में शामिल डाक्टर और प्राईवेट प्रैक्टिस करने वाले कालेज के डाक्टर, जिलाधिकारी गोरखपुर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, मुख्य सचिव राजीव कुमार, अन्य सम्बन्धित सचिवों एवं अधिकारियों के विरुद्ध 01.08.2017 से 11.082017 के बीच करीब सत्तर मासूमों की इरादतन हत्या कारित करने के मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करके कठोर कार्यवाही पुलिस प्रशासन करे जिससे पीड़ित को न्याय मिल सके l