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गन्ना बकाया भुगतान न मिलने से नाराज किसान आमरण अनशन पर बैठे

देव श्रीवास्तव|

खमरिया खीरी।
गोविंद शुगर मिल ऐरा खमरिया द्वारा गन्ना बकाया भुगतान ना किए जाने से नाराज किसानों ने आमरण अनशन किया। इस दौरान कई किसानों की हालत बिगड़ गई। दो किसानों की हालत गंभीर हो जाने पर उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। प्रशासन ने मौके को भाप मिल प्रबंधन पर भुगतान करने का दबाव बनाया। जिसके बाद गन्ना भुगतान जल्द कराने का लिखित आश्वासन देने पर किसानों ने धरना खत्म किया।
कस्बे की सहकारी गन्ना विकास समिति के प्रांगण में बकाया गन्ना मूल्य भुगतान संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहे आमरण अनशन में कई किसानों की हालत बिगड़ी दो किसानों को गंभीर अवस्था के चलते जिला अस्पताल रेफर किया गया। जिससे प्रशासन के हाथ पांव फूल गए और प्रशासन ने मिल प्रबंधक पर भुगतान करने का दबाव बनाया। मिल के जीएम ने सभी किसानों को एक एक पर्ची का भुगतान चार दिन मे लिखित देने का वादा किया। जिसके बाद उप जिलाधिकारी ने अनशन पर बैठे किसानों को जूस पिलाकर अनशन खत्म कराया।

14 मई से चल रहा था अनशन

कस्बे के सहकारी गन्ना विकास समिति के प्रांगण में 14 मई से चल रहा क्रमिक अनशन तीसरे दिन बीती बुधवार की शाम उग्र होकर आमरण अनशन में बदल गया। देर रात अनशन पर बैठे 22 किसानों में मुरलीधर वर्मा नारी बेहड, राधेश्याम यादव परसा, विपिन दुबे हौकना मटेरा, उत्तम वर्मा माधव पुरवा सहित कई किसानों की हालत बिगड़ी जिसके बाद मौके पर सीएससी के डॉक्टर की टीम को तैनात किया गया। विपिन दुबे, मुरलीधर वर्मा की सुबह हालत ज्यादा गंभीर हो गई जिसके बाद उन्हें काफी प्रयास के बाद प्रशासन ने जिला अस्पताल भिजवाया। अनशन पर बैठे प्रदर्शनकारी किसानों की बिगड़ती हालत से प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। आज बृहस्पतिवार को घनश्याम त्रिपाठी उप जिलाधिकारी धौरहरा सीओ निष्ठा ठाकुर, थानाध्यक्ष आलोक मणि त्रिपाठी, एस आई दिनेश सिंह दल बल के साथ धरना स्थल पर पहुंच गए। गन्ना विभाग के जिला गन्ना अधिकारी बृजेश पटेल गन्ना परिषद के एससीडीआई मारकंडे मौर्य, सचिव सुधीर कुमार भी धरना स्थल पर पहुंच गए। सभी अधिकारियों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को समझा-बुझाकर अनशन समाप्त करने का आग्रह किया।

उपजिलाधिकारी और मिल प्रबंधक ने धरना समाप्त करने का आग्रह

प्रदर्शनकारियों की जिद को देख कर उप जिलाधिकारी एवं सीओ धौरहरा ने मिल प्रबंधक आलोक सक्सेना, एचआर राजेश त्रिपाठी को बुलाकर किसानों के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता कर के धरने को समाप्त करने का आग्रह किया गया। भुगतान की जिद पर अड़े अनशनकारियों ने भुगतान न मिलने तक अनशन जारी रखने की धमकी दे डाली। इसके बाद प्रशासन ने मिल प्रबंधक से किसी भी प्रकार तत्काल आंशिक भुगतान करने को कहा जिसके बाद मिल यूनिट हेड आलोक सक्सेना ने उच्चाधिकारियों एवं मालिकान से बात करके सभी किसानों को चार दिन के अंदर एक एक पर्ची का भुगतान करने का लिखित आश्वासन दिया। साथ ही 23 मई को होने वाली बोर्ड मीटिंग के बाद पूर्ण भुगतान का आश्वासन दिया। जिसके बाद उप जिलाधिकारी ने सभी अनशनकारियों को जूस पिलाकर धरना समाप्त कराया