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गंगा सफाई योजना फेल, प्रदूषण फैलने से भारी तादाद में मरी मछलियां…

रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली में जीवनदायिनी गंगा नदी प्रदूषित हो चुकी है। गंगा नदी में मछलियों को मरने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बीजेपी सरकार केवल मुंह जबानी गंगा की सफाई की बात करती नजर आ रही है, हकीकत कुछ और ही दिखाई पड़ रही है। वहीं, सरकारी अधिकारी इस मामले से दूर भागते नजर आ रहे है। कोई भी कुछ बोलने को तैयार नही है।

बता दें कि रायबरेली में लगभग एक माह पहले भी गंगा नदी में हजारों मछलियां मर गई थी। मर रही मछलियों को संज्ञान में लेकर अधिकारी जांच पड़ताल करने जरूर आये थे लेकिन सिर्फ खानापूर्ति करके वापस चले गए। लेकिन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। रायबरेली की वीआईपी घाट से लेकर तकरीबन सभी घाटो पर मरी हुई मछलियां मिली है। गंगा स्नान करने आये श्रद्धालुओं ने मरी हुई मछलियों के बारे में अपने तीर्थ पुरोहितों को बताया। जिस पर तीर्थपुरोहितों ने तहसील प्रसासन को मरी हुई मछलियों के बारे में जानकारी दी।

मछलियों के गंगा नदी में मरने को लेकर घाट पर लोगों का मजमा लग गया और लोग तरह तरह की चर्चा करने लगे। सूचना पर पहुंचे तहसील के अधिकारियों ने मछलियां किस वजह से मर रही है उसका जायजा लेते हुए सम्बंधित विभाग को बताकर जांच पड़ताल कराने की बात कही। वहीं, मरी हुई मछलियों को स्थानीय मछुआरों द्वारा बोरो में भरने का सिलसिला पूरी रात जारी रहा। घाट किनारे स्थित कस्बे के लोगों ने बताया कि मछुआरों द्वारा बोरों में मछलियों को भरकर व्यापार के लिए भेज दिया गया है। इस बात को लेकर समय रहते अधिकारियों ने ध्यान न दिया तो मछलियों की खरीद फरोख्त करने वाले व्यक्ति बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।

प्रशासन का क्या कहना है उपजिलाधिकारी प्रदीप कुमार वर्मा ने बताया कि मामले को लेकर जिलाधिकारी को अवगत करा दिया गया है डीएम ने दो सदस्यीय टीम गठित की है। जिससे दोबारा ऐसी पुनरावृत्ति न हो सके।