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खुशखबरी: ये जहाज आपको दिल्ली से मुंबई केवल 3 मिनट में पहुंचा देगा

spaceliner-537x300 विज्ञान और तकनीक की बदौलत मौजूदा समय में कुछ भी असंभव नहीं रह गया है। इसी तकनीक के बूते अब ऐसा यात्री विमान बनने जा रहा है जिसकी स्पीड ध्वनि से भी 20 गुना ज्यादा होगी। आपको जानकर हैरत होगी कि ये विमान आपको यूरोप से ऑस्ट्रेलिया मात्र 90 मिनट में तो मुंबई से दिल्ली केवल ढाई से तीन मिनट में पहुंचा देगा। जर्मन एयरोस्पेस सेंटर एक ऐसा सबऑर्बिटल यात्री विमान बना रही है, जिसकी रफ्तार ध्वनि से भी 20 गुणा ज्यादा होगी। एयरोस्पेस सेंटर के मुताबिक इस प्रोजेक्ट पर करीब 33 अरब डॉलर का खर्च आयेगा। इस हाइपरसोनिक यात्री विमान के साल 2030 तक बनने की संभावना है।   यह स्पेसलाइनर 100 यात्रियों को लेकर मात्र 90 मिनट में यूरोप से ऑस्ट्रेलिया पहुंच सकेगा। इसके उड़ान के लिए रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल का प्रयोग होगा, जिसका उपयोग रॉकेट लॉन्चिंग में भी होता है।

अंतरिक्ष यान की तरह प्रक्षेपण
डीएलआर ने साल 2007 में ही इस प्रोजेक्ट का प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन कुछ कारणों से काम बंद कर दिया गया। अब सेंटर दोबारा इसके निर्माण में लग गयी है। इस यात्री विमान का निर्माण होने से यूरोप से अमेरिका का सफर केवल 60 मिनट में संभव हो जायेगा। यह देखने में अंतरिक्ष यान जैसा ही होगा। इसका एक भाग ऑर्बिटर का बना होगा, जिसमें यात्री बैठेंगे। जबकि दूसरा भाग एक बूस्टर स्टेज इंजन होगा, जिसमें इको फ्रेंडली ईंधन का इस्तेमाल किया जायेगा। ईंधन के रूप में तरल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का इस्तेमाल होगा। महज 10 मिनट  में ही यह ध्वनि से 20 गुना ज्यादा रफ्तार पकड़ लेगा। 80 किमी की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद रीयूजेबल व्हीकल इससे अलग हो जायेगा।
विमान में लगे होंगे 11 इंजन 
इस विमान की लंबाई 83.5 मीटर होगी। यह स्पेसलाइनर सात किलोमीटर प्रति सेकेंड की अधिकतम रफ्तार से उड़ पाने में सक्षम होगा। इस हिसाब से यह प्रति घंटे में 25 हजार किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा कर सकेगा। हालांकि इसकी अधिकतम रेंज 18 हजार किलोमीटर है। इस प्रोजेक्ट के पैसेंजर विमान में 2 जबकि बूस्टर विमान में 9 इंजन लगे होंगे।
एक दिन में भरेगा 15 उड़ान
इस स्पेसलाइनर प्रोजेक्ट के प्रमुख के मुताबिक यह विमान एक घंटे में एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप की यात्रा करने में आसानी से सक्षम होगा। सबसे खास बात ये कि इस विमान के तैयार हो जाने से लोगों के समय की काफी बचत होगी।  इसकी यात्रा भी काफी रोमांचक होगी। हालांकि प्रोजेक्ट हेड के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के महंगे होने की वजह से यात्रियों को टिकट भी काफी महंगा खरीदना होगा। उम्मीद की जा रही है कि यह स्पेसलाइनर एक दिन में 15 उड़ानें भरेगा। अगर ऐसा होगा तो ये किसी भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान की सर्वाधिक संख्या होगी। इस परियोजना में यूरोपियन यूनियन भी जर्मन एयरोस्पेस सेंटर-डीएलआर को सहयोग दे रही है।

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