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कैश ज्यादा है, तो घबराएं नहीं, अपनाएं ये समाधान

नई दिल्ली: नोटबंदी के बीच बड़ी संख्या में लोग अपने कैश को लेकर चिंता में हैं। बाजार में तरह-तरह की जुगाड़ की खबरें भी चल रही है, लेकिन सरकार ने इन सब से बचने को आगाह किया है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि यदि किसी के पास ज्यादा कैश है तो उसे आखिर क्या करना चाहिए? हम आपको बताते हैं सीधा-सच्चा और ईमानदारी वाला रास्ता…

  1. black-money_19_11_2016मोदी सरकार ने 500 और 1000 रुपए के लिए अब 31 दिसंबर तक की मियाद तय की है। यानी इस समयसीमा में आप अपने कैश को बैंक में जमा करवा सकते हैं। उसके बाद ये नोट रद्दी हो जाएंगे।
  2. सरकार की योजना पर बारिकी से नजर रखने वालों को कहना है कि लोगों को सबसे पहले बिना घबराए अपनी राशि बैंक में जमा कर देना चाहिए। ऐसा करने पर इनकम टैक्स की ओर से अगले साल फरवरी में नोटिस जारी किए जाएंगे। यदि नोटिस मिलता है तो जवाब देने का पर्याप्त समय होगा।
  3. इसके बाद आप पिछले साल का अपना इनकम टैक्स रिटर्न अमेंड करें और ज्यादा इनकम दिखाकर तथा ब्याज समेत टैक्स (30%+ ब्याज) भरकर अपनी आधी काली कमाई को सफेद कर सकते हैं। इसके लिए सीए या वकील या इनकम टैक्स हेल्पलाइन नंबर पर बात करके मदद ले सकते हैं।
  4. हालांकि यदि आप पिछले साल के इनकम टैक्स रिटर्न में ज्यादा बड़ी छेड़खानी करते हैं यानी पहले कम आय बताई और अब बहुत ज्यादा आय बता रहे हैं तो आयकर विभाग आपके पिछले छह साल के रिर्टन भी खंगाल सकता है। ध्यान रहे, आप जो अतिरिक्त आय दिखाएंगे, उस पर 200 फीसदी पैनाल्टी भरना होगी।
  5. दूसरा अहम कदम यह उठाएं कि इस साल के रिटर्न में बाकी आधा भरने की तैयारी कर लें और 15 दिसंबर से पहले एडवांस टैक्स जमा कर दें। इस तरह दो टुकड़ों में आपकी काली कमाई सफेद हो जाएगी और आप शान से आगे की जिंदगी जारी रख सकेंगे।

एक गली यह भी,पर टैक्स जरूर भरें

  1. व्यक्ति अपनी पत्नी , बालिग बच्चे, बालिग भाई-बहन के खाते में भी 30 दिसंबर तक पैसे जमा करवा सकता है। ढ़ाई लाख से ज्यादा भी जमा कर दें, कोई चिंता कि बात नहीं है। बस रिटर्न भरते समय ध्यान रखें कि जितना जमा किया, उतने पैसे को रिटर्न में डिक्लेयर किया हो और उस पर ईमानदारी से टैक्स भरा हो।
  2. इसमें एक बात ध्यान रखने वाली यह है कि इन खातों में जमा होने वाली आय में बहुत ज्यादा फर्क नहीं होना चाहिए। मसलन- 10-20 फीसदी का अंतर चलेगा, लेकिन ज्यादा फर्क आया तो आयकर विभाग सख्ती दिखा सकता है।

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