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केंद्र के सामने ‘अपने’ ही बने मुसीबत, कैसे चलेगी संसद?

नई दिल्ली. संसद में गतिरोध को लेकर सरकार के आगे विपक्ष ही नहीं बल्कि अपने भी मुसीबत बनते दिखाई दे रहे हैं. आंध्र प्रदेश और केंद्र में सरकार की सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) राज्य को विशेष दर्जे की मांग पर अड़ी हुई है. मंगलवार को पार्टी सांसदों ने संदन के भीतर और परिसर में इसे लेकर प्रदर्शन किया तो बुधवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी तल्ख तेवर दिखाते हुए केंद्र से आंध्र को विशेष दर्जा देने के मांग तेज कर दी.

तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के कई सांसद इस मांग को लेकर संसद के अंदर और बाहर विरोध प्रदर्शन करते दिखाई दे रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी टीडीपी सांसदों को समर्थन देने का वादा किया है. उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अगर कांग्रेस सरकार बनी तो वह आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देगी.

बीते दिनों आंध्र प्रदेश के विपणन मंत्री सी आदि नारायण रेड्डी ने भी कहा था कि केंद्र सरकार ने अगर राज्य पुनर्गठन अधिनियम को लेकर अपने वादे को पूरा नहीं किया तो तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के दोनों केंद्रीय मंत्री मार्च के पहले सप्ताह में अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. वहीं दूसरी तरफ मंगालवार को शिवसेना ने मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का मुद्दा उठाया है.

आज विशेष राज्य के विषय में बयान दे सकते हैं चंद्र बाबू नायडू

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू बुधवार को राज्य विधानसभा में विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर बयान दे सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को हुई बैठक में नायडू ने अपने विधायकों से कहा कि वे आंध्र प्रदेश के साथ बीजेपी द्वारा की जा रही ‘नाइंसाफी’ की पोल खोलें. नायडू ने कहा, ‘आंध्र प्रदेश के लोगों ने खुद से धोखा के लिए कांग्रेस को छोड़ दिया और बीजेपी को यह बात याद रखनी चाहिए. केंद्र की सरकार आंध्रप्रदेश का मजाक बना रही है, वे इस मुद्दे पर बुधवार को रुख साफ करेंगे.’

मंगलवार को इस मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे तेलुगुदेशम पार्टी के सांसदों द्वारा नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध को मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का समर्थन मिला. राहुल मंगववार को उनसे मिलने पहुंचे और कहा कि कांग्रेस पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में जीती तो आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देगी. बता दें कि 2014 में तत्कालीन आंध्र प्रदेश को विभाजित कर तेलंगाना के गठन के समय उसे विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया गया था जो आज तक पूरा नहीं हुआ.

वाईएसआर कांग्रेस ने किया लोगों का धन्यवाद 

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के लिये विशेष दर्जे की मांग को लेकर देश की राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित महाधरने में शामिल हुए लोगों का आभार व्यक्त किया. गौरतलब है कि विशेष दर्जे की मांग के तहत वाईएसआर कांग्रेस पार्टी द्वारा सोमवार को दिल्ली में आयोजित महाधरने में विभिन्न पार्टीयों के नेताओं व कार्यकर्ताओं भाग लिया था. जगन ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि व्यापक स्तर पर चल रहे इस आंदोलन को गंभीरता से लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देंगे.