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कुदरती तरीके से हो सकता है बीमारियों का इलाज

green_589f5a95f3f09पहले के समय में किसी भी बीमारी के इलाज के लिए कुदरती तरीका इस्तेमाल किया जाता था.हरियाली से शरीर की तकलीफों के इलाज को ग्रीन थैरेपी कहते हैं. हरियाली के करीब रहने से लोग कम बीमार पड़ते हैं. 

आज हम आपको ग्रीन थैरेपी से जीवन जीने के नए तरीके बारे में बताएंगे. 

1-ग्रीन थैरेपी से व्यक्ति को साकारात्मक वातावरण मिलता है. जिससे जिससे मानसिक रूप से तंदरूस्ती रहती है. इसे तनाव,चिंता और परेशानियां दूर हो जाती हैं. 

2-ग्रीन थैरेपी से बॉडी में ऊर्जी का निर्माण होता है. हरी घास पर नंगे पाव चलने से शरीर को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है. इससे दिल तेजी से पंप करना शुरू हो जाता है और तेजी से फेफडो को ऑक्सीजन सप्लाई करता है. इससे शरीर का सिस्टम सही तरह से चलने लगता है. 

3-हरियाली में रहने से तनाव भी दूर होता है और शरीर भी तंदुरूस्त रहता है. ग्रीन थैरेपी से मस्तिष्क की शक्ति भी बढ़ती है. जिससे यादाश्त तेज होनी शुरू हो जाती है. 

4-जो लोग प्रदूषण के कारण फेफड़ों की बीमारी के कारण परेशान रहते हैं,उनके लिए ग्रीन थैरेपी बेहद कारगर उपाय है. इसके लिए जरूरी है कि रोजाना सुबह के समय कुछ देर हरे घास या पार्क में जरूर टहलें. 

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