कांग्रेस ने उत्तराखंड में चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत के लिए भाजपा के गढ़ ऋषिकेश को चुना है। कांग्रेस एक बार फिर सॉफ्ट हिंदुत्व की पुरानी लाइन पर लौटती दिख रही है। पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी 16 जनवरी को ऋषिकेश से चुनाव प्रचार अभियान का शंखनाद करेंगे।
बीते कुछ सालों से पार्टी नेता इस बात से कतराते रहे हैं कि हिंदुओं के धार्मिक कार्यक्रमों और पूजा-पाठ से संबंधित चित्र में वे न दिखें, जबकि पुरानी कांग्रेस की छवि धर्मनिरपेक्ष वाली रही है। पार्टी के एक महासचिव की मानें तो कांग्रेस हमेशा से सभी धर्मों को साथ लेकर चलने वाली पार्टी रही है, लेकिन किसी की अनदेखी न हो इसका भी ख्याल रखना होगा।
कांग्रेस के हाल के दिल्ली सम्मेलन के भाषण पर गौर करें तो देखेंगे कि राहुल ने शिव जी का नाम लेकर कहा कि उनके हाथ में उन्हें पार्टी का चुनाव निशान हाथ का पंजा दिखता है। हालांकि उन्होंने शिव जी के साथ सभी धर्मों के साथ जोड़कर ये बात कही थी।राहुल को हरिद्वार में बुलाने की कोशिश काफी समय से हो रही थी, लेकिन ऋषिकेश को चुनकर पार्टी एक साथ कई संदेश देना चाहती है। ऋषिकेश गढ़वाल के पर्वतीय और मैदानी इलाकों को जोड़ता है। इस दौरान राहुल पार्टी की निचली इकाई बाजार कांग्रेस और पोलिंग बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं में भी जोश भरेंगे।