श्रीनगर। थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत का आतंकियों का समर्थन करने वालों के खिलाफ दिया बयान कांग्रेस और पीडीपी को रास नहीं आया है। लेकिन भाजपा ने इसका स्वागत किया है।
सत्ताधारी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के महासचिव निजामदीन बट ने कहा कि सेना संयम बरते। हम कल्याणकारी, लोकतांत्रिक व्यवस्था में रहते हैं, इसके सिद्धांतों का पालन होना चाहिए। लेकिन भाजपा के प्रेस सचिव अल्ताफ ठाकुर ने सेनाध्यक्ष का समर्थन करते हुए कहा कि बयान बहुत पहले देना चाहिए था। हम देर आए दुरुस्त आए कहावत पर विश्वास रखते हैं। आतंकियों का समर्थन करने वाले भी आतंकी हैं, देशद्रोही हैं। उनके साथ वही सलूक किया जाना चाहिए जोकि आतंकियों के साथ किया जाता है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सेनाध्यक्ष के बयान का विरोध करते हुए कहा कि अगर सेना कश्मीर के बच्चों को पकड़ती है तो यह ज्यादती होगी। आजाद ने कहा कि पिछले साल 1000 बच्चों को स्प्लिन्टर्स लगे। 100-200 बच्चों की आंखें चली गईं। यह कहना कि हम कश्मीर के बच्चों को पकड़ लेंगे, इसे देश के लोग पसंद नहीं करेंगे। कश्मीर के मौजूदा हालात के लिए आजाद ने केंद्र सरकार को दोषी ठहराया।
उन्होंने कहा कि ये हालात केंद्र सरकार की नाकामी के कारण है। केंद्र सरकार को समझ नहीं आया कि जम्मू-कश्मीर क्या है। वहीं, नेशनल कान्फ्रेंस के नेता मुस्तफा कमाल ने कहा हैरानी जताते हुए कहा कि आर्मी के एक वरिष्ठ अधिकारी ऐसी भाषा का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं? डींग हांकने वाले और गुंडे ऐसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
बताते चलें कि सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने आतंकियों के खिलाफ सैन्य अभियान के दौरान कुछ आम निवासियों की ओर से बाधा पहुंचाने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि सेना की आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान बाधा डालने वाले और सहयोग न करने वाले लोगों को आतंकियों के साथ समझा जाएगा।