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करेंसी पर पेन चलाना पड़ सकता है भारी, बदलने को करें ऐसा

sonam2759देहरादून : करेंसी पर पेन चलाना अब भारी पड़ सकता है। कहीं ऐसा न हो कि बाजार में कोई आपसे इस तरह का नोट लेने से इन्कार ही कर दे। मजबूरन आप नोट बदलवाने के लिए बैंक की तरफ दौड़ेंगे और हो सकता है कि यहां से भी आपको बैरंग लौटा दिया जाए। खैर, फिर भी एक राह बची रहेगी ऐसे नोटों को बदलवाने की। कटे-फटे नोट बदलने वाली बैंक शाखाओं या मुख्य शाखा में ऐसे नोटों को बदला जा सकता है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि आप लिखे नोटों के प्रति बेपरवाह हो जाएं और अपनी जिम्मेदारी बैंकों पर डाल दें।
एक जिम्मेदार नागरिक की तरह सभी का यह कर्तव्य होना चाहिए कि वह नोटों पर कुछ भी न लिखे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करे।भारतीय रिजर्व बैंक की ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत एक जनवरी 2014 से उन नोटों को चलन में न रखने को कहा गया था, जिन पर कुछ भी लिखा होगा। उस समय बड़ी संख्या में ऐसे नोटों के बाजार में होने के चलते निर्देश पर प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा सकी। हालांकि विमुद्रीकरण (नोटबंदी) के बाद 500 व दो हजार रुपये के नए नोट आने के बाद यह उम्मीद जताई गई कि अब पुराने निर्देश पर प्रभावी कार्रवाई हो पाएगी। 

बाजार में तमाम व्यापारिक प्रतिष्ठान तो ऐसे नोटों को स्वीकार करने से इन्कार करने ही लगे हैं, बैंक शाखाएं भी खाताधारकों से ऐसे नोट लेने से इन्कार कर रही हैं। इसको लेकर कई बैंकों में खाताधारकों और बैंक कार्मिकों में नोकझोंक के मामले भी सामने आए हैं। यह सच है कि लिखे नोटों को चलन से बाहर किया जाना है, मगर बैंक इन्हें स्वीकार करने से इन्कार नहीं कर सकते। आरबीआइ ने सभी प्रमुख बैंकों को ऐसे नोटों को बदलने के लिए अलग से काउंटर खोलने के निर्देश दिए हैं, लेकिन दून की ही बात करें तो एसबीआइ व पीएनबी जैसे प्रमुख बैंकों में यह व्यवस्था इक्का-दुक्का शाखाओं के अलावा सिर्फ मुख्य शाखा में की गई है।

खाताधारक बैंकों से न लें लिखे नोट

बैंकों से नकदी लेते समय खाताधारक यह सुनिश्चित जरूर कर लें कि उन नोटों पर कुछ लिखा तो नहीं है। आरबीआइ ने निर्देश दिए हैं कि बैंक किसी भी सूरत में लिखे नोट खाताधारकों को न दें। यदि ऐसा पाया जाता है तो खाताधारक इन्हें स्वीकार करने से इन्कार कर सकते हैं। 

खुलेगा अलग काउंटर 

आरबीआइ के क्षेत्रीय कार्यालय के महाप्रबंधक सुब्रत दास के अनुसार जिन नोटों पर लिखा होगा, उन्हें चलन से बाहर किया जाना है। ऐसे नोटों को कटे-फटे नोटों की श्रेणी में रखा जा रहा है। बैंकों को इसके लिए सभी प्रमुख शाखाओं में अलग काउंटर खोलने को कहा गया है। कोई भी बैंक ऐसे नोट स्वीकार करने से इन्कार नहीं करेगा, यह बात और है कि इन्हें सामान्य काउंटर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।

खाताधारक कुछ भी न लिखें

पीएनबी के मंडल प्रमुख अनिल खोसला के अनुसार इस तरह के नोटों को बदलने के लिए घंटाघर स्थित मुख्य शाखा को अधिकृत किया गया है। खाताधारकों से अपील भी की जा रही है कि वे किसी भी नोट पर कुछ न लिखें।

भेजा जा रहा है आरबीआइ  

एसबीआइ देहरादून के क्षेत्रीय प्रबंधक वीएस कलूड़ा के अनुसार क्लीन नोट पॉलिसी के तहत लिखे गए नोटों को खाताधारकों से वापस लेकर आरबीआइ को वापस भेजा जा रहा है। इस श्रेणी के सभी नोटों को चलन से बाहर किया जाना है।

 

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