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और जब महिला चिकित्सक ने पुलिस को बुलाकर करवा दी मरीज की पिटाई

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
पुलिस अधिकारी पति की हनक में डूबी एक महिला चिकित्सक ने दबंगई दिखाते हुए पुलिस को बुलाकर मरीज की पिटाई करवा दी। मामला बढऩे के बाद जिला अस्पताल में हंगामा शुरू हो गया। जिसके बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने किसी तरह मामले को शांत कराते हुए कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया।
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 जिला अस्पताल में दंत चिकित्सक के पद पर तैनात महिला चिकित्सक भीमेन्द्र गौतम से गुरूवार दोपहर उस समय एक मरीज की तगड़ी झड़प हो गई, जब मरीज से डाक्टर ने पैसों की मांग रख दी। बता दें शहर के सेठघाट के समीप अर्जुनपुरवा निवासी अंकुर गुप्ता अपने छह वर्षीय बच्चे व पत्नी ज्योति गुप्ता के साथ बच्चे का दांत उखड़वाने के लिए जिला अस्पताल आए थे। जहां पर महिला दंत चिकित्सक ने उनसे फीस के रूप में कुछ रुपए की मांग रख दी। जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया। पीडि़त अंकुर का कहना है कि यदि चिकित्सक द्वारा रुपए की मांग की जा रही थी तो उनको उसकी रसीद भी दी जानी चाहिए, लेकिन चिकित्सक ने उनके साथ बदसलूकी करते हुए उसे अपने चैम्बर से भगा दिया। बात तब बढ़ गई जब अंकुर ने पैसों की मांग को अपने मोबाइल से रिकार्ड करना शुरू कर दिया। इसी दौरान वीडियो रिकार्डिंग देख कर भड़की नवागत सीआे गोला अभिषेक प्रताप की पत्नी ने अपना रसूख दिखाते हुए फौरन इसकी सूचना अपने सीआे पति को दी। जिस पर बिना देर किए दो बावर्दी दुरूस्त सिपाही जिला अस्पताल के दंत विभाग में पहुंच गए। जहां बिना कुछ पूछे अंकुर व उसके बच्चे पर थप्पड़ों की बौछार कर दी। पीडि़त का आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने उसकी सुने बिना महिला चिकित्सक के इशारे पर उसकी जमकर बेइज्जती की। मारपीट की घटना के बाद पीडि़त ने जिला अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। देखते ही देखते भारी भीड़ मौके पर जुट गई और इसकी सूचना पर सीआे सिटी हरिराम वर्मा, कोतवाल नागेश मिश्रा दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। जहां सीआे सिटी ने उल्टे पीडि़त को ही धमकाना शुरू कर दिया और मामले को निपटाने के लिए दबाव बनाने लगे। सीआे सिटी यही नहीं रूके उन्होंने पीडि़त युवक को ही जेल भेजने की धमकी तक दे डाली। लेकिन पीडि़त सुलह करने के बजाय दोषी डाक्टर व दोनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ा रहा। वहीं इस बात की खबर जब महिला चिकित्सक के पति सीआे गोला अभिषेक प्रताप को लगी तो वह भी मौके पर पहुंच गए। साथ ही उन्होंने भी पूरी घटना की पड़ताल की। उन्होंने कहा कि यदि सिपाहियों ने मरीज के साथ मारपीट की है तो यह सरासर गलत है, उन्होंने भी घटना की निन्दा करते हुए कहा कि जांच कराकर दोषी पुलिस कर्मियों के विरूद्घ कार्रवाई की जाएगी। चूंकि मामला सीआे की डाक्टर पत्नी से जुड़ा था, इसलिए अस्पताल के सीएमएस से लेकर तमाम पुलिस अधिकारी मामले में कार्रवाई करने के बजाय उसे दबाते हुए नजर आए। यहां पर यह भी बता दें कि जिला अस्पताल में धरती की भगवान कही जाने वाली महिला चिकित्सक की दबंगई से पैदा हुआ विवाद करीब डेढ़ घंटे तक चलता रहा, लेकिन विभागीय अधिकारी मौके से नदारत रहे। उन्हें आखिर इस बात की चिंता क्यो नहीं हुई कि इस हंगामे की भेंट अन्य मरीज चढ़ रहे है? फिलहाल सीआे सिटी हरिराम वर्मा का कहना है कि यदि पीडित कोई तहरीर देता है तो उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी

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