एटीएम से निकलने वाली रिसिप्ट थर्मल प्रिंटिंग की सिंपल प्रिंटिंग से निकलती हैं। यह थर्मोक्रोमिज्म (thermochromism) के सिद्धांत पर आधारित है, जिसमें गर्मी रंग में परिवर्तन हो जाती है।
थर्मल प्रिंटिंग में विशेष प्रकार का पेपर रोल (एटीएम, वेंडिंग मशीनों में मिलता है) उपयोग किया जाता है, जिसमें ऑर्गेनिक डाई या वैक्स की कोटिंग होती है। यह एक विशेष थर्मल कागज है, जिस पर fluoran leuco डाई और octadecylphosphonic एसिड का मिश्रण लगा होता है।
जब प्रिंटिंग का सिग्नल मिलता है, तो यह गर्म होने लगता है और उसकी ऑर्गेनिक कोटिंग से थर्मोक्रोमिज्म प्रक्रिया के जरिये प्रिंट इंप्रेशन पेपर रोल पर बनने लगता है। आमतौर पर इनसे ब्लैक कलर आउट मिलता है। मगर, ताप को नियंत्रित करके लाल रंग का प्रिंट आउट भी हासिल किया जा सकता है।
आमतौर पर यह देखा गया है कि ये प्रिंटआउट कमरे के समान तापमान पर भी फेड हो जाते हैं। मोमबत्ती की लौ के पास या सूर्य के प्रकाश के पास लाने पर भी वे खराब हो जाते हैं। सूर्य के प्रकाश के इन कोटिंग्स के लगातार पिघलने का खतरा बना रहता है।
लंबे समय तक इस प्रिंट को संरक्षित रखने के लिए, अतिरिक्त कोटिंग के साथ मूल थर्मल कागज का इस्तेमाल किया जा सकता है। थर्मल कागज एक सुरक्षित जगह में रखा जाना चाहिए और कोटिंग का घर्षण नहीं होना चाहिए क्योंकि ऐसा होने पर प्रिंट खराब हो जाता है।