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एक बार फिर बढ़ सकती है स्टेंट की कीमत

स्टेंट की कीमत एक बार फिर बढ़ सकती है। स्टेंट की कैपिंग में बड़े बदलाव की बात कही जा रही है। अमेरिकी लॉबी के भारी दबाव की वजह से कैपिंग में काफी बदलाव हो सकता है और नए स्टेंट को कैपिंग लिस्ट में शामिल किया जा सकता है। लेकिन उस स्टेंट की कीमत पहले की तुलना में ज्यादा रखी जा सकती है। 5 फरवरी को स्टेंट की कीमत पर लगाई गई कैपिंग का रिव्यू होना है। नैशनल फ़ार्मासूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने सभी स्टेक होल्डर्स और स्टेंट बनाने वाली कंपिनयों से उनके विचार और रेट मांगे हैं। इस बारे में कार्डियॉलजिस्टों का कहना है कि कैपिंग का मिला-जुला असर है और सरकार को हर क्वॉलिटी का स्टेंट मार्केट में उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि मरीज इससे प्रभावित न हों।एक बार फिर बढ़ सकती है स्टेंट की कीमत

 कार्डियॉलजिस्ट और आईएमए के पूर्व प्रेसिडेंट डॉ के के अग्रवाल ने कहा कि एनपीपीए पर बहुत दबाव है। खासकर इंपोर्टेड डिवाइस इंडस्ट्री की तरफ से प्रेशर बनाया जा रहा है। इससे ऐसा लग रहा है कि एनपीपीए नए स्टेंट को अनुमति दे सकता है और उसकी कीमत भी ज्यादा हो सकती है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर चाहते हैं कि मरीज को कोई चीज महंगी न पड़े। लेकिन यह भी जरूरी है कि जो स्टेंट मरीज को चाहिए वह मार्केट में उपलब्ध हो। 13 फरवरी 2017 को स्टेंट पर जो कैपिंग लगी थी, वह 1 साल के लिए थी। इसलिए एनपीपीए ने 30 जनवरी को कार्डियॉलजिस्टों से मीटिंग की है। अब 5 फरवरी को स्टेंट कंपिनयों के साथ मीटिंग होनी है।
मैक्स के कार्डियॉलजिस्ट डॉ विवेका कुमार ने कहा कि कैपिंग के बाद कुछ कंपनियों ने विदड्रॉ कर लिया था, लेकिन बाद में कंपनियों ने स्टेंट तो मार्केट में उतार दिए, लेकिन हमेशा उस स्टेंट का शॉर्टेज देखा गया। कैंपिंग से मरीजों को काफी फायदा हुआ। जो लोग दो से ज्यादा स्टेंट लगने पर बाईपास सर्जरी करा लेते थे, अब कीमत कम होने पर वो स्टेंट लगवा रहे हैं, इससे उन्हें एक बड़ी सर्जरी से राहत मिलती है। हम चाहते हैं कि जो भी बेस्ट स्टेंट है, वह भारतीय बाजार में हो। 

वेंकेटेश्वर हॉस्पिटल के कार्डियॉलजिस्ट डॉ अनिल ढल ने कहा कैपिंग की वजह से अडवांस तकनीक वाला स्टेंट बाजार में मुश्किल से मिलने लगा। कंपनियां समय पर अडवांस स्टेंट उपलब्ध ही नहीं करा रही थीं, जिससे मरीजों को काफी नुकसान हुआ। इसलिए सरकार को यह सोचना होगा कि बाजार से अडवांस स्टेंट गायब न हो। एक अच्छा स्टेप है, इससे गरीब मरीजों को बहुत फायदा हुआ है।