लखीमपुर-खीरी/ देव श्रीवास्तव: उत्तर प्रदेश में योगी राज कायम होने के बाद घोषणा पत्र पर तेज़ी से अमल होना शुरू हो गया है। सरकार बने अभी दो ही दिन हुए हैं और पूरे प्रदेश में करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा ‘स्लाटरहाउसों’ को सीज कर दिया गया है।इस सिलसिले में खीरी के भी दो स्लाटरहाउसों पर भी प्रशासन ने कठोर कार्रवाई करते हुए उन्हें सीज कर दिया। यह दो स्लाटरहाउस खीरी व मोहम्मदी में संचालित थे।
खीरी व मोहम्मदी थे संचालित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फैसले की भेंट खीरी कस्बे का स्लाटर हाउस बंद हो गया। दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे नायाब तहसीलदार, एसओ खीरी जावेद अख्तर, चौकी इंचार्ज अंसार हुसैन रिजवी की मौजूदगी में एसडीएम के आदेश के बाद बंद कर दिए। ध्यान रहे कि नयी सरकार आने के बाद से अवैध बूचडख़ाने बंद किये जा रहे हैं। कस्बे का स्लाटर हाउस भी अवैध बताया जा रहा है। 2013 में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से इसके आधुनिकरण का आदेश आया था। मानक पूरा न होने के बाद इसी उसी वक्त बंद कर दिया गया था। लोगों का कहना कि ये भी उस आदेश नगर पंचायत की फाइलों में दबा दिया गया और आज चार साल तक इसे अवैध तरीके से चलाया गया।
एक और अवैध बूचडख़ाना जो मगरेना रोड पर बीएसएनएल एक्सचेंज के सामने बना था। आज नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा उसमें ताला लगा दिया गया है। वहीं नगर पालिका के बाबू कन्हैया लाल कुशवाहा ने बताया कि अवैध बूचडख़ानों पर कार्रवाई के चलते मगरेना रोड पर स्थापित बूचडख़ाना तत्काल प्रभाव से बंद करा दिया गया है तथा उसके गेट पर ताला लगा दिया गया है।
नगर पंचायत काट रहा था रसीद फिर भी बताया अवैध
स्लाटर हाउस बंद होने के बाद इससे प्रभावित कुरैशी समाज के लोगों का कहना है कि कौन सा आदेश आया हमें नहीं पता। हम तो आज तक नगर पंचायत की रसीद कटवा रहे हैं। हमारे पास लाइसेंस भी हैं। अगर चार साल से बंद है तो नगर पंचायत रसीद कैसे काट रही है। हमारे बच्चों का क्या होगा। हम तो बेरोजगार हो गए। भुखमरी बढ़ेगी। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद सूबे के कई स्लाटर हाउस अब तक सीज किये जा चुके हैं।