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उत्तराखंड में सौभाग्य योजना से 10400 घर हुए रोशन

देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिह रावत एवं केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर.के. सिह ने संयुक्त रूप से विद्युत से वंचित घरों में बिजली पहुंचाने की योजना ‘सौभाग्य’ का शुभारम्भ किया। इस योजना को एक साथ राज्य के सभी जिलों में शुभारम्भ किया गया।”सौभाग्य’’ योजना के तहत पहले दिन राज्य में 10400 घर रोशन हुए। यहां आयोजित एक कार्यक्रम में 1235 घरों को विद्युत कनेक्शन दिए गए।

मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री ने लाभार्थियों को संयोजन पत्र वितरित कर योजना का उद्घाटन किया। रावत ने कहा कि राज्य के विद्युत से वंचित परिवारों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए इस योजना का शुभारम्भ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिजली पहुंचने का मतलब सिर्फ रोशनी नहीं है। आज के आधुनिक युग में जब देश डिजिटल हो रहा है। इंसान तकनीक पर निर्भर होता जा रहा है। हमारे सभी उपकरण बिजली पर ही निर्भर हैं, ऐसे में गरीब घरों में प्रकाश पहुंचाने की पहल बहुत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण योजना से उन सभी परिवारों के जीवन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन आएगा, जो परिवार अब तक बिजली से वंचित थे। रावत ने कहा कि पिछले एक साल में ऐसे 46 गांवों को बिजली पहुंचाई गई है, जहां अभी तक बिजली नहीं थी। अभी राज्य में 26 गांव ऐसे हैं जहां बिजली पहुंचाना शेष है। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह तक हर गांव तक बिजली पहुंचा दी जाएगी।

सिह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर को बिजली के सपने को साकार करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। शुरुआत में 18452 गांव बिजली से वंचित थे। आज मात्र 861 गांव बिजली से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह तक इन सभी गांवों का विद्युतीकरण कर दिया जाएगा। केन्द्रीय राज्य मंत्री सिह ने कहा कि एक अप्रैल 2019 से पूर्व 4 करोड़ घरों में बिजली पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक लगभग 32 लाख विद्युत वंचित घरों में बिजली पहुँचा दी गई है।

सचिव(ऊर्जा) राधिका झा ने कहा कि सौभाग्य योजना राज्य में एक साथ लांच की गई है। प्रदेश के सभी जिलों में प्रभारी मंत्रियों द्बारा इस योजना का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले 1 वर्ष में 46 गांवों को विद्युतीकृत किया गया है। मार्च माह तक बाकी बचे 26 गांवों को भी विद्युतीकृत कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में 3,52,625 परिवार विद्युत से वंचित हैं।

इसमें से 95,577 परिवारों को दीनदयाल उपाध्याय योजना से विद्युत आपूर्ति की जाएगी साथ ही शेष बचे 2,57,048 परिवारों को ”सौभाग्य’’ योजना के अंतर्गत विद्युतीकृत किया जाएगा। उत्तराखण्ड राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों में, जहां अपरिहार्य कारणों से लाईन बनाना संभव नहीं है, घरों को सौर ऊर्जा से संयोजन प्रदान किया जाएगा, जिसके लिए लगभग रू. 50,000 प्रति घर व्यय होगा। ऐसे संयोजनों की संख्या लगभग 9,128 है।